Edited By Ruby,Updated: 31 Aug, 2018 11:41 AM
भारतीय लोकतंत्र का भार 4 स्तंभों पर टिका है जिसमें पत्रकारिता/मीडिया चौथा और सबसे महत्त्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। एक स्वतंत्र पत्रकारिता का होना किसी भी लोकतंत्र के लिए अतिआवश्यक माना गया है। परंतु योगी सरकार ने पत्रकारिता पर नकेल कसने के लिए अब...
लखनऊः भारतीय लोकतंत्र का भार 4 स्तंभों पर टिका है जिसमें पत्रकारिता/मीडिया चौथा और सबसे महत्त्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। एक स्वतंत्र पत्रकारिता का होना किसी भी लोकतंत्र के लिए अतिआवश्यक माना गया है। परंतु योगी सरकार ने पत्रकारिता पर नकेल कसने के लिए अब व्हाट्सएप ग्रुप पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक ललितपुर जिला प्रशासन ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी करते हुए पत्रकारों को बिना पंजीकरण के मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप के संचालन पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जिले के पत्रकार सभी मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप को सूचना विभाग के साथ रजिस्टर करवाएं, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जारी किया यह फरमान
इस फरमान को जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह और पुलिस कप्तान डॉ ओपी सिंह ने लिखित में जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि जिले का कोई भी पत्रकार बिना सूचना विभाग में पंजीकरण करवाए मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप का संचालन नहीं कर सकता। लिखित आदेश के मुताबिक, "ग्रुप एडमिन को ग्रुप में जुड़े सभी सदस्यों की जानकारी देनी होगी। साथ ही ग्रुप एडमिन को आधार कार्ड की कॉपी, फोटो और अन्य जानकारियां उपलब्ध करानी होंगी। यह आदेश सभी मीडिया से जुड़े वेबसाइटों पर भी लागू होती है।" आदेश में आगे कहा गया है कि ग्रुप में किसी भी तरह की आपत्तिजनक या अपमानित करने वाले पोस्ट को शेयर करने के लिए एडमिन जिम्मेदार होगा।"
कहां से शुरू हुआ यह विवाद
दरअसल, पिछले दिनों महरौनी कोतवाली के चौकी गांव में दो पक्षों में विवाद हो गया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के अफवाह फैलाए जा रहे थे। यह भी कहा जा रहा था कि कुछ फर्जी पत्रकार व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए इस अफवाह को फैला रहे थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने फर्जी पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए यह आदेश जारी किया है।