UP: बहुचर्चित अनामिका शुक्ला केस का खुलासा, मुख्य अभियुक्त समेत 3 गिरफ्तार

Edited By Umakant yadav,Updated: 16 Jun, 2020 09:52 AM

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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करके...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करके सोमवार को उसके सरगना समेत 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्तों को गोंडा कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस उनसे विस्तृत पूछताछ करेगी।

बता दें कि एसटीएफ की ओर से सोमवार रात जारी एक बयान के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर बल के जवानों ने गिरोह के सरगना पुष्पेंद्र और उसके दो अन्य साथियों आनंद तथा रामनाथ को राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के पास से गिरफ्तार किया।

बयान के मुताबिक प्रदेश के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में जाली शैक्षिक दस्तावेजों के आधार प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अम्बेडकरनगर तथा अलीगढ़ से वेतन/मानदेय आहरित किये गए हैं। इस प्रकरण की जाँच के दौरान यह पाया गया कि गोंडा के खरगूपुर क्षेत्र की रहने वाली अनामिका शुक्ला नामक महिला ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय में अंशकालिक शिक्षक पद के लिए वर्ष 2017 में जनपद सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती, लखनऊ से आवेदन किया था।  जिसमें सुल्तानुपर, जौनपुर व लखनऊ से काउन्सिलिंग के लिए बुलावा आया था मगर स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह कहीं भी उपस्थित नहीं हो सकी थी।

जिसके बाद अनामिका के शैक्षिक दस्तावेज का दुरूपयोग करके विभिन्न जनपदों में अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी तरीके से चयनित होकर वेतन/मानदेय लिया जा रहा था। तफ्तीश के दौरान इस पूरे प्रकरण में राज उर्फ पुष्पेन्द्र जाटव का नाम मुख्य अभियुक्त के तौर पर सामने आया।

पुष्पेन्द्र ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि वह खुद फ़र्रूख़ाबाद जिले के कुंवरपुर खास में सुशील के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है। वह 2010 में रामनाथ प्रधान लिपिक के सम्पर्क में आया था, जिसके सहयोग से उसने अंजली नाम की महिला की कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नियुक्ति करवायी थी। बाद में उसने उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त कराया था। उसका भाई जसवंत भी कन्नौज में विभव कुमार के नाम से नौकरी कर रहा है।

पुष्पेंद्र ने यह बात भी कबूल की है कि उसने जौनपुर में दीप्ति नामक महिला के दस्तावेजों के आधार पर रामबेटी नामक महिला की मैनपुरी के भोगांव में नियुक्ति कराई थी। उसने कानपुर देहात की रहने वाली महिला बबली को अलीगढ़ में और उसी की ननद सरिता को प्रयागराज में, दीप्ती को वाराणसी, प्रिया को कासगंज में रामबेटी के माध्यम से 02-02 लाख रुपये लेकर शिक्षिका के पद पर अनामिका शुक्ला के नाम से नियुक्त कराया था।

पुष्पेंद्र ने बताया कि रीना तथा कई अन्य महिला अभ्यार्थियों को रामनाथ ने अनामिका शुक्ला के नाम से सहारनपुर, बागपत, रायबरेली, अमेठी, अम्बेकरनगर में नियुक्त कराया।

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