Edited By Umakant yadav,Updated: 24 Jan, 2021 11:35 AM
उत्तर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण में खराब प्रदर्शन वाले जिलों के सीएमओ से जवाब तलब किया गया है। साथ ही ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने अपने निर्धारित चरण में टीका नहीं लगवाया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण में खराब प्रदर्शन वाले जिलों के सीएमओ से जवाब तलब किया गया है। साथ ही ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने अपने निर्धारित चरण में टीका नहीं लगवाया। बता दें कि प्रदेश में 27 ऐसे जिले हैं जहां टीकाकरण 60 फीसदी से कम रहा। इटावा में तो यह 39 प्रतिशत ही रहा। प्रदेश में तीन ड्राई रन व जागरुकता कार्यक्रम के बावजूद टीकाकरण कम होना चिंता का विषय बना हुआ है। कम प्रतिशत वाले जिलों के सीएमओ से कहा गया है टीका न लगवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों से पता करें कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्हें जागरूक भी करें ताकि 28 व 29 जनवरी को होने वाले टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
प्रदेश में 22 जनवरी को हुए टीकाकरण का प्रतिशत मात्र 58 ही रहा। प्रदेश में कोरोना मरीजों की घटती संख्या के साथ ही लेवल (एल) वन अस्पतालों की संख्या घटाने के आदेश दे दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीते पांच दिनों से रोजाना 400 से कम मरीज प्रदेश में मिल रहे हैं। वहीं एक्टिव मरीज भी 7500 के आस-पास हैं। इनमें से लगभग 2500 होम आइसोलेशन और 650 निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। शेष सरकारी अस्पतालों में हैं।
ऐसे में कोरोना संक्रमितों से इतर मरीजों को इलाज की अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए एल वन अस्पतालों की संख्या कम की जाएगी। कोरोना से निपटने के लिए पूर्व में प्रदेश सरकार ने 1.51 लाख से अधिक कोविड अस्पताल बनाए थे। इनमें सबसे अधिक लेवल वन श्रेणी के लगभग 75 हजार बेड वाले अस्पताल तैयार किए गए थे।