Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Jan, 2019 02:17 PM
3 राज्यों में मिली शिकस्त के बाद NDA में शामिल BJP के सहयोगी दलों ने पार्टी को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में राजनीतिक लिहाज से सबसे बड़े व अहम राज्य उत्तर प्रदेश में भी एन.डी.ए. में सब ठीक-ठाक नहीं है।
जालन्धर\लखनऊ(महिन्द्र ठाकुर): 3 राज्यों में मिली शिकस्त के बाद NDA में शामिल BJP के सहयोगी दलों ने पार्टी को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में राजनीतिक लिहाज से सबसे बड़े व अहम राज्य उत्तर प्रदेश में भी एन.डी.ए. में सब ठीक-ठाक नहीं है। यहां BJP के सहयोगी अपना दल व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी हर दिन पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। भाजपा के ये दोनों सहयोगी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी तो काफी लंबे अर्से से कर रहे थे लेकिन जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव पास आ रहे हैं वैसे ही इनका रुख आक्रामक हो रहा है। अपना दल इसलिए नाराज है क्योंकि उत्तर प्रदेश में उसकी उपेक्षा हो रही है।
पार्टी का कहना है कि बड़े कार्यक्रमों में अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया जाता है। अपना दल के कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं मिल रही जिसके चलते वह योगी सरकार से खफा हैं। यही हाल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का है। उसे भी OBC आरक्षण सहित कई मसलों पर सरकार से नाराजगी है। नाराजगी की वजह जो भी हो पर यह तय है कि अगर भाजपा अपने कुनबे को संभाल नहीं पाई तो उसे आगामी लोकसभा चुनाव में एकजुट विपक्ष का सामना करना मुश्किल हो जाएगा।
अपना दल का राजनीतिक महत्व
अपना दल ने 2014 में लोकसभा चुनावों में मिर्जापुर और प्रतापगढ़ दोनों सीटों पर जीत हासिल कर अपने जनाधार का जलवा दिखाया था। वहीं पिछले साल विधानसभा चुनाव में अपना दल ने जौनपुर, सोनभद्र और वाराणसी जैसे इलाकों में कई सीटें जीतकर विपक्ष को हाशिए पर धकेल दिया था। पार्टी का जनाधार इलाहाबाद समेत अवध के कई इलाकों में है।
अपना दल की नाराजगी की असली वजह
योगी सरकार ने हाल में कई आयोगों और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां की हैं। महिला आयोग, दलित आयोग, अल्पसंख्यक आयोग के साथ-साथ दलित निगम आदि में नियुक्तियां की गई हैं लेकिन अपना दल का आरोप है कि उनके लोगों और कार्यकर्ताओं को किसी निगम और आयोग में कोई जगह नहीं दी गई। 13 के करीब लोकसभा सीटों पर है अच्छा खासा दबदबा।
एस.बी.एस.पी. का राजनीतिक कद
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का राजनीतिक लिहाज से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में अच्छा-खासा दबदबा है। पार्टी बलिया, गाजीपुर व बनारस जैसे इलाकों में कई राजनीतिक पार्टियों के समीकरणों को पलटने का माद्दा रखती है। 90 के करीब विधानसभा सीटों पर है अच्छा-खासा जनाधार।
अति पिछड़ों को आरक्षण न मिलने से हैं
नाराज सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व यू.पी. के दिव्यांग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर लगातार अति पिछड़ों और गरीबों को आरक्षण का लाभ देने के लिए इसमें बंटवारे का मुद्दा उठाते रहे हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। इसे लेकर राजभर भाजपा से काफी नाराज चल रहे हैं।