अखिलेश यादव ने साइकिल रैली का किया आगाज, आजम खान की पत्नी से की मुलाकात

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 Mar, 2021 06:09 PM

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समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार आजम खान के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार की कथित बदले की भावना के विरोध में रामपुर से लखनऊ तक आज साइकिल यात्रा निकलेगी। जिसका समापन 21 मार्च को लखनऊ में होगा। साइकिल यात्रा का उद्देश्य रामपुर में मोहम्मद...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव आज साइकिल रैली का आगाज करने रामपुर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले आजम खान के आवास पर जाकर उनकी पत्नी से मुलाकात की। अखिलेश यादव ने मिशन 2022 के तहत और आजम खान की यूनिवर्सिटी के सम्मान में रामपुर से साइकिल रैली का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने रामपुर की जनता को धन्यवाद और आभार कहा। उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतेहासिक है। जब जब साइकल चली है यूपी में बदलाव हुआ है। आज का आशीर्वाद दिखाई दे रहा है। अगर साइकिल चलने से मौसम बदल सकता है। हमे यकीन है कि यूपी में सरकार बदलेगी।

उन्होंने कहा कि हमे भरोसा है आने वाले समय मे न्यायपालिका हमे न्याय देने का काम करेगी। आज़म खान के ऊपर गम्भीर धाराएं लगी। देश में आज़म खान ऐसे नेता होंगे जिनपर एक साथ इतने मुकदमें लगे हैं। आज़म खान ने यूनिवर्सिटी आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए बनाई है। मंच से अखिलेश यादव बोले हम लोग साइकिल चला रहे हैं, सुनने में आया है कि प्रशासन सरकार के दबाव में मुकदमे दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। 

बता दें कि समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार आजम खान के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार की कथित बदले की भावना के विरोध में रामपुर से लखनऊ तक 
आज साइकिल यात्रा निकाल रही है। जिसका समापन 21 मार्च को लखनऊ में होगा। साइकिल यात्रा का उद्देश्य रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के संस्थापक सांसद मोहम्मद आजम खान के प्रति भाजपा सरकार की बदले की भावना से की जा रही कार्रवाईयों के विरूद्ध जनाक्रोश दर्ज करना है।

रामपुर से सांसद पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान, उनकी विधायक पत्नी तंजीन फातिमा तथा उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम पर सैकड़ों फर्जी केस दर्ज किए गए हैं। यहां तक कि मोहम्मद आजम खान को मिल रही लोकतंत्र सेनानी पेंशन पर भी रोक लगा दी गई है जो समाजवादी सरकार ने आपातकाल के विरोध और लोकतंत्र की रक्षा करने वालों के लिए चालू की थी। आजम खान ने लोकतंत्र के लिए आपात काल 1975-76 में जेल में रहकर यातना भोगी थी।

अखिलेश यादव का मानना है कि जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना करके मोहम्मद आजम खान ने उच्च शिक्षा के प्रसार और नौजवानों की जिंदगी बेहतर बनाने की दिशा में जो सराहनीय कदम उठाए थे उससे चिढ़कर ही उन्हें अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। अधिकारी झूठे मामले तैयार करा रहे हैं। जनता सब समझती है और समय आने पर करारा जवाब भी देगी।

 

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