Edited By Ajay kumar,Updated: 18 Nov, 2019 09:03 AM
उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली आदि जलाने की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए अधिकारियों से 20 नवम्बर तक रिर्पोट मांगी है। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां जानकारी देते...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली आदि जलाने की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए अधिकारियों से 20 नवम्बर तक रिर्पोट मांगी है। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां जानकारी देते हुए बताया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में प्रदेश सरकार के निर्देश के बावजूद राज्य के कुछ जिलों से पराली जलाएं जाने की घटनाएं प्रकाश में आ रही है और उन पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा इसे अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए कड़ा रूख अपनाया गया है और सभी जिलों को पुन: निर्देश दिये गये है कि पराली/अन्य अवशेष जलाने की कोई भी घटना प्रकाश में आने पर इसे गम्भीरता से लिया जाय एवं इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए प्रत्येक दशा में 20 नवम्बर तक रिर्पोट शासन द्वारा मांगी गयी है।
गौरतलब है कि इस संबंध में प्रदेश के 10 जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों क्रमष: मथुरा, पीलीभीत, शाहॅजहापुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बरेली, अलीगढ़, जालौन एवं झांसी के जिलाधिकारियों से संयुक्त रूप से आज 18 नवम्बर तक प्रथम रिपोटर् एवं 20 नवम्बर तक अंतिम रिर्पोट अलग से मांगी गई है। साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि वे पराली एवं अन्य अवषेष जलाने की किसी भी घटना के प्रकाश में आने पर इसे गम्भीरता से लेना सुनिश्चित करें।