प्रेम-प्रसंग में उलझकर रह गई थी उन्नाव पीड़िता की जिंदगी, जब न्याय के लिए लगाई गुहार तो मिली मौत

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Dec, 2019 03:10 PM

unnao victim s life was entangled in love affair when death was sought

रेप बाद जलाई गई उन्नाव रेप पीड़िता आखिरकार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गई। 90 प्रतिशत जल चुकी पीड़िता ने शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर आखिरी सांस ली। अखिरी शब्द थे, भाईया मुझे बचा लीजिए। इस घटना को लेकर पूरे देशवासियों में...

उन्नावः रेप बाद जलाई गई उन्नाव रेप पीड़िता आखिरकार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गई। 90 प्रतिशत जल चुकी पीड़िता ने शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर आखिरी सांस ली। अखिरी शब्द थे, भाईया मुझे बचा लीजिए। इस घटना को लेकर पूरे देशवासियों में मायुसी है। तो अब इस खौफनाक घटना के पीछे की कहानी जानना और भी लाजमी हो गया है। मौत के आगोश में चली गई रेप पीड़िता की जिदंगी सामाजिक ताने-बाने और प्रेम प्रसंग में उलझकर रह गई।

पीड़िता के पिता के मुताबिक हम लोगों की कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। हम पहले गांव के प्रधान के समर्थक ही थे। तन, मन, धन से उनके साथ रहते थे। उनके जरिए ही हमें कई योजनाओं का जल्दी फायदा भी मिला, लेकिन जब से यह मामला सामने आया। उन्होंने बताया कि 2017 में शिवम का घर आना-जाना शुरू हुआ। गांव का लड़का होने के कारण किसी को उसके आने-जाने से कोई आपत्ति नहीं हुई। लेकिन, जब बेटी और उसके संबंधों के बारे में पता चला, तो शिवम के परिवार ने घर आकर दबंगई दिखाई। इसके बाद भी शिवम ने बेटी से संबंध खत्म नहीं किए।

दिसंबर 2017 में वो मेरी बेटी को भगा ले गया। बाद में पता चला कि बेटी को रायबरेली लेकर गया है। उसने बेटी को गुमराह करने के लिए गलत कागजात बनवा कर शादी का झांसा दिया और उससे रेप करता रहा। परिवार के दबाव में करीब दो महीने बाद गांव लौटकर उसने मेरी बेटी से रिश्ता खत्म कर दिया। इस दौरान उसने मोबाइल से बेटी का वीडियो बना लिया था। बदनामी के कारण मेरी बेटी अपनी बुआ के यहां रायबरेली रहने चली गई। पिछले साल इसी दिसंबर में शिवम अपने रिश्तेदार शुभम के साथ रायबरेली पहुंचा और मंदिर में शादी का झांसा देकर उसे बुलाया। बेटी ने बताया था कि उसने वहां शादी तो नहीं की, लेकिन उसके साथ दोनों ने हथियार के दम पर दुष्कर्म किया।

उन्होंने आगे बताया कि जब धोखा मिला, तो बेटी ने मामला दर्ज करवाने के लिए भागदौड़ करनी शुरू की। हम थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। फिर कोर्ट के आदेश पर मार्च 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ। लड़कों की गिरफ्तारी के लिए पैरवी करते रहे, तब कहीं सितंबर में शिवम जेल गया, लेकिन समय से पहले उसे जमानत मिल गई। जमानत मिलते ही सबने मिलकर मेरी बेटी को मार दिया।

भावुक होते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि हमारे यहां अब नेता आ रहे हैं, मीडिया वाले आ रहे हैं, लेकिन नही आएगी तो सिर्फ मेरी बेटी। पिछले दो दिनों से मैं उसको टीवी और इंटरनेट पर देख रहा हूं। पिता कहते हैं कि या तो हत्यारों को फांसी दो या हैदराबाद की तरह उनका एनकाउंटर कर दो। ये सब न हो पाए, तो हमारे घर पर बम गिरा दो, जिससे हम ही खत्म हो जाएं। मेरे पास अब कोर्ट-कचहरी दौड़ने की ताकत नहीं बची।


 

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