उन्नाव रेप कांड: आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Dec, 2019 04:59 PM

unnao rape case court will pronounce verdict on monday against kuldeep sengar

पार्टी से निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में लगे अपहरण और बलात्कार के आरोप के मामले में दिल्ली की एक...

नई दिल्ली/लखनऊ: रेप आरोपी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है। बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में युवती से अपहरण और बलात्कार के आरोप हैं। मामले में एक और आरोपी शशि सिंह को भी कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। फिलहाल अभी कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है। बताया जा रहा है कि 19 दिसंबर को सजा का ऐलान किया जाएगा। 
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इससे पहले कैमरे के सामने चलने वाली कार्यवाही में जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा था कि वह मुकदमे में सीबीआई और आरोपी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 16 दिसंबर को फैसला सुना सकते हैं।
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उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मुकदमे को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किये जाने के बाद न्यायाधीश ने पांच अगस्त से प्रतिदिन मुकदमे की सुनवाई की थी। सेंगर पर महिला को 2017 में नाबालिग रहते हुए कथित रूप से अगवा कर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप है। अदालत ने सह आरोपी शशि सिंह पर भी आरोप तय किये हैं।
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उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से चार बार भाजपा के टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।   

उन्नाव कांड में कब-कब क्या हुआ?

दरअसल, पूरा मामला 4 जून 2017 का है। माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। पीड़िता की मां ने माखी थाने में तहरीर दी जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।

11 जून 2017 को पीड़िता ने अदालत की शरण ली, कोर्ट के आदेश पर अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गय, लेकिन इसमें विधायक कुलदीप सिंह और आरोपी महिला का नाम नहीं था।

3 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह को पता चला कि पीड़िता का पिता दिल्ली से घर वापस आया है। अतुल सिंह अपने गुर्गों के साथ गांव पहुंचा और मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। न मानने पर पर पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की। सूचना पर पुलिस भी पहुंची। लेकिन पुलिस के सामने ही पीड़ित परिवार की पिटाई होती रही। इसके बाद विधायक पक्ष की तरफ से टिंकू सिंह ने मारपीट और आर्म्स एक्ट में मुकदमा लिखवाकर पीड़ित पिता को ही जेल भेजवा दिया।

4 अप्रैल को रेप पीड़िता की मां ने तहरीर दी। पुलिस ने माखी गांव के ही विनीत, सोनू, बउवा और शैलू सहित अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया। इस मुक़दमे में पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह का नाम हटा दिया। उधर पिटाई से घायल पीड़िता के पिता का पुलिस ने दो दिन इलाज करने के बाद शाम को उसे जेल भेज दिया।

8 अप्रैल को पीड़िता ने परिवार समेत सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। गैंगरेप पीडिता ने आरोप लगाया कि उसके साथ न्याय नहीं हो रहा है। विधायक उसके पूरे परिवार की हत्या करवा देगा। इसके बाद 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई।

10 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता के पिता की जेल में मौत के बाद मामला तूल पकड़ने लगा। विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया। पुलिस भी हरकत में आई और लखनऊ क्राइम ब्रांच जांच करने उन्नाव पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बयान जारी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इस बीच सीएम ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तलब किया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सेंगर ने खुद को निर्दोष बताया।

10 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई। इसमें उनकी मौत की वजह शॉक और ब्रेन हेमरेज बताई गई। एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। उन्होंने कहा कि उन्नाव मामले की नए सिरे से जांच होगी और बीजेपी विधायक पर भी कार्रवाई होगी।

11 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस को यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।

12 अप्रैल को मामला सीबीआई को सौंपा गया और विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया गया।

13 अप्रैल को कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही नई एफआईआर दर्ज की गई। उसे एक हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

11 जुलाई को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था। 13 जुलाई को दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोगों का नाम शामिल था।

28 जुलाई 2019 को पीड़िता व उसका परिवार कार से रायबरेली जा रहा था। रायबरेली जाते समय एनएच 32 पर गुरबख्श गंज थाना इलाके के अटोरा गांव के पास बारिश के दौरान कार व ट्रक में जोरदार टक्कर हुई। जिसमें पीड़िता की चाची की मौत हो गई। जबकि पीड़िता व उसकी बड़ी बहन और वकील घायल हुए।

29 जुलाई 2019 को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 29 अन्य के खिलाफ इस कार दुर्घटना की साजिश रचने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई।

16 दिसंबर 2019 को कुलदीप सिंह सेंगर रेप के मामले में दोषी करार दिए गए।




 

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