लावारिस बच्ची को मिल रहा 8 माताओं का प्यार, नर्सिंग स्टाफ ने दिया राधिका नाम

Edited By Ramkesh,Updated: 09 Jun, 2020 06:15 PM

unmarried baby girl getting 8 mothers  love nursing staff named radhika

जन्म देने वाली मां की ठुकराई हुई नवजात बच्ची को एस.एन.सी.यू. वार्ड के नर्सिंग स्टाफ के रूप में एक नहीं बल्कि आठ-आठ माताओं का प्यार मिल रहा है।

हमीरपुर: जन्म देने वाली मां की ठुकराई हुई नवजात बच्ची को एस.एन.सी.यू. वार्ड के नर्सिंग स्टाफ के रूप में एक नहीं बल्कि आठ-आठ माताओं का प्यार मिल रहा है। बच्ची को गंभीर हालत में आज से 4 महीने पहले वार्ड में भर्ती कराया गया था। आज उसकी हालत बेहतर है। लॉकडाउन की वजह से बच्ची को बाल संरक्षण गृह भेजे जाने की रुकी पड़ी कार्रवाई फिर से शुरू की जा रही है।

हालांकि नर्सिंग स्टाफ का इस बच्ची से लगाव ऐसा हो चुका है, उसे बाल संरक्षण गृह भेजने की ख्याल से ही उनकी आंखें नम होने लगती हैं। जन्म के साथ ही गंभीर बीमारियों का सामना करने वाले नवजात शिशुओं को जिला अस्पताल का एस.एन.सी.यू. वार्ड (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) नई जिंदगी देता है। लेकिन यही वार्ड इस वक्त दुधमुंही बच्ची का पालनाघर बन चुका है।

12 फरवरी की शाम मौदहा कस्बे से कुछ दूर मुख्य मार्ग की झाडिय़ों के किनारे इस लावारिस बच्ची को गंभीर हालत में बरामद किया गया था। जिसे पुलिस ने एस.एन.सी.यू. वार्ड में भर्ती कराया था। एस.एन.सी.यू. की टीम ने बच्ची की जान बचाने में दिन-रात एक कर दिया। बच्ची की जान तो बच गई, मगर कोई वारिस न होने की वजह से बच्ची की परवरिश को लेकर संकट खड़ा हो गया। वार्ड की नर्सिंग स्टाफ की इंचार्ज सोनिका, शारदा सोनी, नेहा, शालिनी, भाग्यश्री, सीता, वंदना, अंजू बताती हैं कि इस बच्ची का सभी ने मिलकर नाम राधिका रखा है।

डॉ.सुमित सचान बताते हैं कि इस बच्ची को जब वार्ड में भर्ती कराया गया था, तब वह हाइपोथर्मिया की शिकार थी। उसके बचने की संभावनाएं कम थी। वार्ड में इसका उपचार शुरू किया गया। दूसरे दिन इसे पीलिया की शिकायत हो गई। स्थिति गंभीर होने लगी थी। लेकिन पूरी टीम ने बच्ची को बचाने में दिन-रात एक कर दिया। धीरे-धीरे बच्ची स्वस्थ होने लगी। वार्ड में भर्ती बच्चों की वजह से राधिका को भी संक्रमण होने का डर रहता है। इसलिए उसे अस्पताल के एनआरसी में भर्ती करने का सुझाव दिया गया है। क्योंकि वहां उसे अच्छी डायट मिलेगी। वार्ड में सिर्फ ऊपरी दूध ही दिया जा रहा है। अब बच्ची बड़ी हो रही है, इसलिए उसकी खुराक बढ़ेगी। पूरी डायट नहीं मिली तो बच्ची कुपोषण का शिकार हो सकती है। बाल संरक्षण समिति को भी रिमाण्डर लिखे जा रहे हैं।

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