Edited By Ruby,Updated: 05 Jun, 2019 10:24 AM
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गठबंधन विशुद्ध रूप से अवसरवादिता पर आधारित था जो अपने परिवार को बचाने और भ्र
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गठबंधन विशुद्ध रूप से अवसरवादिता पर आधारित था जो अपने परिवार को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए था।
मायावती द्वारा एक जाति विशेष पर वोट न देने के आरोप की निंदा करते हुए डॉ.पाण्डेय ने कहा कि जनता द्वारा जातीय राजनीति को नकारने के बावजूद बसपा प्रमुख अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि मतदाता चाहे किसी भी जाति-धर्म या वर्ग हो वो किसी राजनीतिक दल का बधुंआ मजदूर नहीं होता है। हर मतदाता को यह अधिकार होता है कि वह राजनीतिक दलों द्वारा जनता के किए गए वादों और जनता के लिए किए गये कार्यो को आधार बनाकर अपनी पंसद या न पंसद के अनुसार अपने मत का प्रयोग करे लेकिन बसपा प्रमुख की यह पुरानी आदत रही है कि वे जब भी चुनाव हारती है तो अपनी गलतियों से सबक लेने के बजाय किसी न किसी जाति-धर्म या वर्ग पर हार का ठिकरा फोड़ती है।
डॉ. पाण्डेय ने कहा कि अपने पिता की राजनीतिक और परिवारिक विरासत को संभाल पाने में अखिलेश नाकाम साबित हुए है। उन्होंने कहा मायावती ने गठबंधन के पहले दिन से ही अखिलेश यादव को अपरिपक्व और अनुभवहीन साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने गठबंधन से अलग होकर शायद इस बात के संकेत दिए कि जो अपने पिता-चाचा और परिवार का नहीं हुआ वो हमारा क्या होगा। उन्होंने कहा कि जनता इन जातिवाद और धर्म की राजनीति करने वाले लोगों दलों को अब बर्दाश्त नहीं करेंगी। चाहे वो अकेले चुनाव लड़े या साथ मिलकर।