Edited By Anil Kapoor,Updated: 13 Sep, 2018 07:37 PM
किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच पिछले 2 दिनों से ट्विटर पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
लखनऊ: किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच पिछले 2 दिनों से ट्विटर पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने गुरूवार को ट्वीट करके पूर्ववर्ती सपा सरकार को गन्ना बकाए की समस्या का जिम्मेदार ठहराया है।
राणा ने सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उन ट्वीट पर भडके थे जिसमें उन्होंने गन्ना बकाए के भुगतान के लिए मौजूदा योगी सरकार पर तंज कसा था। यादव ने ट्वीट किया था कि भाजपा सरकार गन्ना-बकाया ना चुकाने से जिस तरह गन्ना किसानों का विरोध झेल रही है उस आग में अब प्रवचनीय मुख्यमंत्री ने ये कहकर घी डाल दिया है कि गन्ना न उगाएं इससे डायबीटीज बढ़ती है। इससे अच्छा वो एक सलाह अपने मतांध समर्थकों को दें कि वो समाज में हिंसा-नफरत की कड़वाहट न घोलें।
इसके बाद यादव ने फिर ट्वीट किया कि बात-बात में पाकिस्तान का विरोध करने वाली भाजपा सरकार ने वहां से अरबों रुपयों की चीनी आयात करके भारत के किसानों को नुकसान पहुंचाया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने का भी उनका वादा जुमला साबित हुआ है। इससे आक्रोशित किसान अपने गन्ने लेकर 2019 में इसका जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं।
सपा अध्यक्ष के एक के बाद एक हमलों से योगी सरकार का बचाव करते हुए राणा ने ट्वीट किया कि पूर्व मुख्यमंत्री को गन्ने पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं हैं, उनके कार्यकाल वर्ष 2015-16 में गन्ना किसानों का केवल 16000 करोड़ का भुगतान हुआ, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में अब तक इस वर्ष का 25500 करोड़ का भुगतान हो चुका हैं। ट्विटर का यह सिलसिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस घोषणा के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने 15 अक्टूबर से पहले गन्ना किसानों को बकाए के 10 हजार करोड रुपए भुगतान का भरोसा दिलाया था।