Edited By Anil Kapoor,Updated: 30 Jun, 2019 12:05 PM
भारत में सैन्य जासूसी का नैटवर्क खड़ा करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इस समय हनी ट्रैप का सहारा ले रही है। ऐसे मामलों का खुलासा होने के बाद यूपी एटीएस समेत देश की कई सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं।
लखनऊ: भारत में सैन्य जासूसी का नैटवर्क खड़ा करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इस समय हनी ट्रैप का सहारा ले रही है। ऐसे मामलों का खुलासा होने के बाद यूपी एटीएस समेत देश की कई सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। गुजरात के भुज में पकड़े गए दोनों संदिग्धों का कनेक्शन भी सैन्य जासूसी से ही है। गहन जांच-पड़ताल के बाद इसका खुलासा किए जाने की संभावना है।
खुफिया एजेंसियों की अब तक की जांच से पता चला है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म खासकर फेसबुक पर सेना के जवान महिलाओं के ऐसी फर्जी फेसबुक अकाऊंट से जुड़ जाते हैं जो मूल रूप से पाकिस्तान से संचालित होते हैं। चैटिंग करते-करते वे प्रभावित होकर व्हाट्सएप कॉल या दूसरे माध्यमों से बातचीत करने लगते हैं। इसी बातचीत में वे सेना की खुफिया जानकारी देने लगते हैं। कुछ मामलों में तो इन जानकारियों के बदले आईएसआई की तरफ से पैसे दिए जाने का खुलासा भी हुआ।
अभी हाल ही में यूपी एटीएस के इनपुट पर मिलिट्री इंटेलीजैंस ने बबीना (झांसी) व वर्धा (महाराष्ट्र) से 2 सैन्यकर्मियों को गिरफ्तार किया था। लांस नायक व सूबेदार स्तर के ये दोनों सैन्यकर्मी हनी ट्रैप में फंसकर आईएसआई को सेना की गोपनीय सूचनाएं दे रहे थे। दोनों को भुज (गुजरात) के 2 व्यक्तियों से पैसे मिल रहे थे।