Edited By Ruby,Updated: 08 Jun, 2019 01:01 PM
आगराः आज साल का 158वां दिन है और अब साल के कुल 207 दिन बाकी हैं। आज के इस दिन का ताजमहल से गहरा रिश्ता है। दरअसल शाहजहां की पत्नी मुमताज महल का निधन सात जून को हुआ था। बुरहानपुर में अपनी 14वीं संतान को जन्म देते समय मुम
आगराः आज साल का 158वां दिन है और अब साल के कुल 207 दिन बाकी हैं। आज के इस दिन का ताजमहल से गहरा रिश्ता है। दरअसल शाहजहां की पत्नी मुमताज महल का निधन सात जून को हुआ था। बुरहानपुर में अपनी 14वीं संतान को जन्म देते समय मुमताज महल ने अंतिम सांस ली। शाहजहां ने उनकी याद में आगरा में यमुना के किनारे सफेद संगमरमर का मोहब्बत का अजीम मुजसम्मा तामीर करवाया, जिसे मुमताज के नाम पर ताजमहल का नाम दिया गया।
कहा जाता है कि मुमताज़ महल ने मरते वक्त मकबरा बनाए जाने की ख्वाहिश जताई थी जिसके बाद शाहजहां ने ताजमहल बनावाया। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनवाया गया है। इसके चार कोनों में चार मीनारे हैं। शाहजहां ने इस अद्भूत चीज़ को बनवाने के लिए बगदाद और तुर्की से कारीगर बुलवाए थे। माना जाता है कि ताजमहल बनाने के लिए बगदाद से एक कारीगर बुलवाया गया जो पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को तराश सकता था।
ई. 1630 में शुरू हुआ ताजमहल के बनने के काम करीब 22 साल तक चला। इसे बनाने में करीब 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया। यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर 'ताजमहल' आज ना केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। प्यार की इस निशानी को देखने के लिए दूर देशों से हजारों सैलानी यहां आते हैं।