'धरतीपुत्र' मुलायम सिंह का आज 81वां जन्मदिन, पढ़िए उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से...

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Nov, 2019 12:58 PM

today s 81st birthday of prithviputra mulayam singh read some

पूरे देश में समाजवाद का नारा बुंलद करने वाले ''धरतीपुत्र'' मुलायम सिंह यादव आज 81 वर्ष के हो गए हैं। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर उनका जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सपा कार्यकर्ताओं का सुबह से ही जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए...

लखनऊः पूरे देश में समाजवाद का नारा बुंलद करने वाले 'धरतीपुत्र' मुलायम सिंह यादव आज 81 वर्ष के हो गए हैं। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर उनका जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सपा कार्यकर्ताओं का सुबह से ही जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए जमावाड़ा लग गया है।

राजनीति से पहले पहलवानी का शौक रखते थे मुलायम
2 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में जन्में मुलायम सिंह यादव को राजनीति से पहले पहलवानी का शौक था। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह इन्टर कालेज में अध्यापक थे। मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम०ए०) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बीटी किया है। मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए थे। साल 1992 में उन्होंने समाजवाद का नारा बुलंद किया और सपा पार्टी बनाई।
PunjabKesari
मुलायम की पहली शादी की 5 खास बातें
- पांच भैंसगाड़ियों में गई थी मुलायम की बारात।
- 1957 में शादी के वक्त 18 साल के थे मुलायम।
- शादी के दिन मुलायम ने पहना था पीले रंग का कुर्ता और सफेद पाजामा।
- शादी के पांच साल बाद 1962 में हुआ था गौना।
- मालती देवी के फूफा ने तय कराई थी शादी।
PunjabKesari
मुलायम की दूसरी शादी की 5 खास बातें
- मुलायम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में कबूली थी अपनी दूसरी शादी।
- मुलायम की दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता है, प्रतीक यादव उनके ही बेटे हैं।
- साधना गुप्ता 1999 में अखिलेश-डिंपल की शादी के भोज में पहली बार सार्वजनिक रूप से आई थीं नजर।
- प्रतीक यादव करते हैं रियल स्टेट का बिजनेस, प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव करती हैं समाज सेवा।
- अपर्णा यादव कैंट विधानसभा से थी सपा की प्रत्याशी।

मुलायम सिंह से जुड़े कुछ किस्से
मुलायम सिंह के करीबियों में से एक सपा के वरीष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने किस्सा बताया कि एक बार मुलायम सिंह यादव के साथ हम अमौसी एअरपोर्ट जा रहे थे, तभी रास्ते में एक दूधवाला मिर्गी आने के कारण सड़क के किनारे पड़ा था। उसका दूध भी पूरा गिर गया था। नेताजी की नज़र पड़ी तो उन्होंने अपनी गाड़ी रूकवाई और उसे अपनी ही गाड़ी से भेजा और उसके नुकसान का पैसा भी दिया।

मुलायम सिंह के नेताजी बनने के पीछे की वजहों में से एक यह भी है कि उन्हें संघर्ष के दौरान इतना अनुभव हो गया है कि वो जमीन पर उतरते ही अंदाजा लगाकर बता देते हैं कि वो वहां जीतेंगे या नहीं।

इन्हीं किस्सों में से एक किस्सा ऐसा है, जिसमें कहा जाता है कि उन्होंने मंच पर ही एक पुलिस इंस्पेक्टर को उठाकर पटक दिया था। बताया जाता है कि वह पुलिस इंस्पेक्टर मंच पर एक कवि को उसकी कविता नहीं पढ़ने दे रहा था।

मुलायम ने एक अलग तरह की राजनीति को दिया जन्म
मुलायम सिंह के जन्मदिन के मौके पर उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर डालेंगे। यूपी के सैफई से दिल्ली की संसद तक पहुंचने वाले मुलायम सिंह यादव ने एक अलग तरह की राजनीति को जन्म दिया। जिसके चलते वो यूपी के तीन बार सीएम बने। जिसकी राजगद्दी उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को सौंप दी है।
PunjabKesari
भले ही उनका परिवार पहले राजनीति से न जुड़ा हो, लेकिन आज उनके परिवार के कण-कण में राजनीति बसती है। देश में उनके परिवार से बड़ा राजनीतिक परिवार शायद ही हो। भाई, भतीजा, बेटा और बहू हर कोई ब्लॉक और पंचायत स्तर से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रहा है। आज मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है, लेकिन उनकी उड़ान जमीन से शुरू हुई थी जो काफी विस्तारित दिखाई देती है।

साल दर साल राजनीतिक सफर:

1960: मुलायम सिंह राजनीति में उतरे
1967: पहली बार विधानसभा चुनाव जीते, MLA बने
1974: प्रतिनिहित विधायक समिति के सदस्य बने
1975: इमरजेंसी में जेल जाने वाले विपक्षी नेताओं में शामिल
1977: उत्तर प्रदेश में पहली बार मंत्री बने, कॉ-ऑपरेटिव और पशुपालन विभाग संभाला
1980: उत्तर प्रदेश में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला
1985-87: उत्तर प्रदेश में जनता दल का अध्यक्ष पद संभाला
1989: पहली बार UP के मुख्यमंत्री बनकर कमान संभाली
1992: समाजवादी पार्टी की स्थापना कर, विपक्ष के नेता बने
1993-95: दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री पद पर काबिज़ रहे
1996: मैनपुरी से 11वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए. केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री का पद संभाला
1998-99: 12वीं और 13वीं लोकसभा के लिए फिर सांसद चुने गए
1999-2000: पेट्रोलियम और नेचुरल गैस कमेटी के चेयरमैन का पद संभाला
2003-07: तीसरी बार यूपी का मुख्यमंत्री पद संभाला
2004: चौथी बार 14वीं लोकसभा में सांसद चुनकर गए
2007: यूपी में बसपा से करारी हार का सामना करना पड़ा
2009: 15वीं लोकसभा के लिए पांचवीं चुने
2009: स्टैंडिंग कमेटी ऑन एनर्जी के चेयरमैन बने
2014: उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ से सांसद बने
2014: स्टैंडिंग कमेटी ऑन लेबर के सदस्य बने
2015: जनरल पर्पस कमेटी के सदस्य बने


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!