Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Jul, 2018 11:56 AM
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर उच्च न्यायालय के एक अधिवक्ता ने अपनी जान का खतरा महसूस कर तहरीर दी है...
इलाहाबादः उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर उच्च न्यायालय के एक अधिवक्ता ने अपनी जान का खतरा महसूस कर तहरीर दी है।
पुलिस सूत्रों ने अधिवक्ता सुनील चौधरी की तहरीर के बारे में बताया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ बिना जांच के एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। मामले की जांच की जायेगी और दोषी मिलने पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित सुनील चौधरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के साथ समाज के लिए भी कार्य करते हैं। उन्होंने 19 जुलाई को थाने में दी गयी तहरीर में लिखा है कि जनहित के बाबत प्रार्थी ने जनसूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत डायट से भ्रष्टाचार के बाबत कुछ जानकारी मांगी थी। उन्होंने लिखा है कि 18 जुलाई को जब वह उच्च न्यायालय में काम में व्यस्त थे, उनके फोन पर किसी कुबेर सिंह नामक व्यक्ति ने जानकारी के बारे में अधिक गंभीर बनने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
चौधरी ने तहरीर में लिखा है कि उन्हें कार्यालय बार-बार बुलाया जाता है। उन्होंने आशंका व्यक्त किया है कि कार्यालय जाने के समय उनके साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी हो सकती है। फोन करने वाले ने धमकी दिया कि मांगी गई सूचना में तुम्हारा व्यक्तिगत क्या सरोकार है। इस मामले को वह गंभीरता से न लें वर्ना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अधिवक्ता ने बताया कि वह अन्य अधिवक्ताओं के साथ सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट दर्ज कर मामले में कार्यवाही करने के लिए मुलाकात करेंगे।