Edited By Deepika Rajput,Updated: 17 Oct, 2018 11:25 AM
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां साधु-संतों में खुशी का माहौल है तो वहीं विपक्ष योगी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रहा है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद का नाम भी आलोचकों में...
प्रयागराजः इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां साधु-संतों में खुशी का माहौल है तो वहीं विपक्ष योगी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रहा है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद का नाम भी आलोचकों में जुड़ गया है। दरअसल, उन्होंने सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
जावेद मोहम्मद का कहना है कि यह बात पूरी तरह से गलत है कि अकबर ने प्रयाग का नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया। अकबर ने एक अलग शहर इलाहाबाद बसाया था और प्रयाग आज भी अपनी जगह पर कायम है। सरकार का फैसला बिल्कुल गलत है, क्योंकि यूपी के वर्ष 1960 के गजेटियर में भी इलाहाबाद शहर को अकबर के द्वारा बसाए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले को वे इलाहबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर चुनौती देंगे।
बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इलाहाबाद के नाम बदलने का प्रस्ताव पास हुआ है।