इस सीट पर काफी दिलचस्प होगा मुकाबला, किसी भी पार्टी ने नहीं खोले अभी तक अपने पत्ते

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Mar, 2019 05:36 PM

this seat will be interesting enough to fight no party has opened its cards

उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण झांसी-ललितपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चनुाव 2019 की अधिसूचना जारी होने के बाद किसी महत्वपूर्ण राजनीतिक दल ने अभी तक अपने उम्मीदवार को लेकर स्थिति साफ नहीं की है, इससे यहां राजनीतिक...

झांसीः उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण झांसी-ललितपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चनुाव 2019 की अधिसूचना जारी होने के बाद किसी महत्वपूर्ण राजनीतिक दल ने अभी तक अपने उम्मीदवार को लेकर स्थिति साफ नहीं की है, इससे यहां राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हैं और अलग-अलग दल से क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले लोग टिकट के लिए दावेदारी पेश करने में लगे हैं।

झांसी सीट को लेकर सभी पार्टियों में दावेदारी का दौर चरम पर
बात चाहें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हो या कांग्रेस या फिर समाजवादी पार्टी (सपा) की, सभी दल अभी इस क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के नाम को लेकर चुप्पी साधे हैं। जहां तक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रश्न है तो सपा और बसपा के बीच गठबंधन के बाद सीटों को लेकर हुए समझौते में यह सीट सपा के पाले में चली गई है। सभी पार्टियों में इस क्षेत्र से उम्मीदवार का नाम साफ नहीं होने के कारण टिकट की दावेदारी का दौर चरम पर है। सभी दलों में प्रभावी नेता टिकट के लिए अपने-अपने नाम को आगे बढ़ाने के काम में लगे हैं।

झांसी सीट से 14 लाख से अधिक मतदाता
झांसी जिले में 14 लाख 64 हजार 52 मतदाता हैं जिनमें से सात लाख 84 हजार 622 पुरुष और छह लाख 79 हजार और 352 महिला मतदाता हैं। यहां 78 तृतीय लिंग और नौ हजार 918 दिव्यांग मतदाता हैं। इस बार यहां 41 हजार 108 नये मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल किया है। इस सीट पर जातीय समीकरणों की बात की जाए तो यह सीट ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है जहां से भाजपा की मुखर नेता उमा भारती सांसद हैं।

भाजपा की मुखर नेता उमा भारती है झांसी से सांसद
भारती ने कई बार राजनीतिक मंच से आगे चुनाव नहीं लडऩे की बात कही है, लेकिन चुनाव पास आते- आते चुनाव दोबारा लडऩे में उनकी रुचि फिर उजागर होने लगी है। भारती पर संसदीय क्षेत्र से गायब रहने का आरोप उनके लगभग पूरे कार्यकाल के दौरान लगा लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब चुनाव का समय नजदीक आते आते वह फिर से अपने संसदीय क्षेत्र में दिखायी देने लगी हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए सरकार की शुरू की गयी बड़ी योजनाओं के लिए अपने द्वारा किये गये प्रयासों को भी सामने लाने से वह गुरेज नहीं कर रही है।

झांसी से एक बार फिर मैदान में उतर सकती है उमा भारती
इतना ही नहीं बड़े राजनीतिक और सरकारी मंच से वह अपने संसदीय क्षेत्र को अधिक समय नहीं दे पाने को बड़ी गलती बताकर माफी भी मांग चुकी हैं। खुद को बुंदेलखंड की ‘बेटी’ के नाम से संबोधित करने वाली भारती में चुनाव से ठीक पहले दिखायी देने वाले इन बदलाव के संकेतों को देख राजनीतिक विश्लेषक यह संभावना देखने लगे हैं कि चुनाव न लडऩे की बात भले ही भारती कर रहीं हो लेकिन वह एक बार फिर मैदान में उतर सकती हैं। भारती चुनाव नहीं लडऩे की अपनी बात पर अडिग रहती हैं तो भी इस सीट पर उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देना भाजपा शीर्ष नेतृत्व के लिए आसान नहीं होगा।

कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की दावेदारी सबसे मजबूत
इस सीट पर अगर कांग्रेस की बात की जाए तो यहां पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की दावेदारी सबसे मजबूत है। कांग्रेस के वह कद्दावर नेता हैं जिनकी आम लोगों के बीच अच्छी पैठ है। इसके अलावा जैन समाज से आने के कारण जातीय समीकरण भी उनके लिए काफी मुफीद हैं। पुराने कांग्रेसी जैन के केंद्रीय मंत्री पद पर रहना भी उनके पक्ष में जाता है और झांसी से कांग्रेस का टिकट उन्हें मिलने की संभावना काफी प्रभावी है। कांग्रेस में टिकट के लिए राजेंद्र सिंह यादव की दावेदारी भी काफी मजबूत हैं और राहुल रिछारिया भी लाइन में हैं। इनके अलावा कुंवर मुकुट सिंह भी कांग्रेस के टिकट से लोकसभा में पहुंचने की आस लगाये बैठे हैं।

सपा के जाने-माने नेता चंद्रपाल सिंह यादव की पैठ काफी अच्छी
समाजवादी पार्टी (सपा) के जाने-माने नेता और पूर्व मंत्री चंद्रपाल सिंह यादव की दावेदारी इस सीट से टिकट के लिए सबसे मजबूत है। वह पिछड़े वर्ग से आते हैं और स्थानीय लोगों में उनकी पैठ भी काफी अच्छी है। सपा की स्थापना के समय से पार्टी से जुड़े यादव की सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से नजदीकी जग जाहिर हैं और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी वह इस सीट से सपा का परचम लहरा चुके हैं। इन सभी कारणों से उन्हें सपा से टिकट मिलने की संभावना सबसे अधिक है। विधान परिषद में सपा के सदस्य रह चुके श्याम सुंदर सिंह भी इस बार झांसी से पार्टी का झंडा बुलंद करने की चाह में हैं। इसके बाद आर पी निरंजन भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

झांसी सीट की टिकट पर दावेदारों की संख्या काफी अधिक
सभी पार्टियों को अगर देखें तो साफ है कि टिकट के दावेदारों की संख्या काफी अधिक है, ऐसे में किसी नाम को अंतिम रूप देना पार्टी प्रमुखों के लिए टेढी खीर साबित होगा। दावेदारों की लोगों के बीच मजबूत पैठ उम्मीदवार के नाम का फैसला करने वालों के लिए स्थिति को और जटिल बनाती है। इसी कारण अभी तक किसी भी दल से इस सीट से उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन इस स्थिति के कारण यहां राजनीतिक सरगर्मियां पूरे शबाब पर हैं और टिकट के लिए सभी इच्छुक लोग अपने अपने तरीके से अपने दावे को आगे रख रहे हैं।



 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!