लोकसभा चुनाव 2019: ये है राहुल गांधी के अमेठी से हार की सबसे बड़ी वजह

Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 May, 2019 09:14 AM

these rahul gandhi s the biggest reason for defeat from amethi

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हार का कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रति उनकी ''बेरूखी'' भी रही। यह कहना है अमेठी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सलोन विधानसभा क्षेत्र के लोगों का। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी की...

अमेठी(उप्र): उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हार का कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रति उनकी 'बेरूखी' भी रही। यह कहना है अमेठी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सलोन विधानसभा क्षेत्र के लोगों का । भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी की जीत और राहुल गांधी की हार के कारण गिनाते हुए उन्होंने यह बात कही। प्रतापगढ़ से वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर लखनऊ की ओर आते समय सलोन रायबरेली से लगभग 25 किलोमीटर पहले पड़ता है। सलोन में विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत की गई।

इस दौरान सलोन नवीन मंडी परिसर के निकट आढ़तियों के समूह से जब यह सवाल पूछा गया कि राहुल गांधी की हार का बड़ा कारण क्या रहा तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने क्षेत्र के प्रति 'बेरूखी' दिखाई। थोक व्यापारी नील सिंह ने कहा कि राहुल केवल फुर्सतगंज हवाई अडडे से उतरकर अमेठी जाते थे और वहीं तक सीमित रहते थे। जब क्षेत्र की जनता को समय नहीं देंगे तो वोट कैसे पाएंगे। सलोन बस अडडे के निकट चाय की दुकान चलाने वाले राजू सोलंकी ने कहा कि राहुल के सलाहकारों ने उनकी किरकिरी कराई है। क्षेत्र के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुनी ही नहीं जाती थी और बाहर ही बाहर राहुल निकल जाते थे।

उन्होंने कहा कि इसके ठीक उलट स्मृति जी घर-घर और गांव-गांव गईं और लोगों से सीधा संवाद कर विकास और बदलाव के लिए वोट मांगा। उन्हें इसका फायदा भी मिला। इस सवाल पर कि राहुल की ओर से उनकी बहन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार किया था, सिंह ने कहा कि प्रियंका का कार्यक्रम भी बाहर के ही लोग तय करते थे ''केवल सडक पर वाहन से निकलकर हाथ हिलाने से वोट नहीं मिल जाता। सलोन के ही निकट टोल गेट के पास करहिया बाजार है। करहिया बाजार में अधिकांश दुकानदारों का कहना था कि राहुल उनके क्षेत्र में कभी नहीं आए। केवल अमेठी का चक्कर लगाते थे । इस बात का मलाल हमेशा रहा कि राहुल करहिया बाजार नहीं आए।

किराना व्यापारी सोमनाथ शर्मा ने बताया कि बाजार के आसपास अच्छी आबादी रहती है लेकिन 3 बार सांसद रहे राहुल गांधी ने कभी यहां के लोगों का हालचाल नहीं लिया । गौरीगंज से सांगीपुर के रास्ते में अठेहा क्षेत्र पडता है। रायबरेली से परसदेपुर और फिर सांगीपुर होते हुए अमेठी और प्रतापगढ़ पहुंचा जा सकता है। अठेहा के हलवाइयों की जलेबी और समोसा आसपास के गांव वालों की विशेष पसंद है। मिठाई की दुकान चलाने वाले राजकिशोर मौर्य ने कहा कि राहुल गांधी की सबसे बडी कमी रही कि उन्होंने क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया। केवल झोपडे में खाना खाने या सड़क किनारे ढाबे पर चाय पी लेने से जनता सीधे तौर पर नहीं जुड़ती।

मौर्य से सवाल किया गया था कि राहुल अकसर सड़क किनारे अपना काफिला रूकवाकर किसी चाय वाले के यहां बैठ जाते हैं और चाय की चुस्कियां लेते हुए लोगों से खुद को जोडते हैं, फिर क्यों निराशा हाथ लगी और क्यों हार गए। नजदीक के पिपरी गांव की आशा सिंह ने कहा कि स्मृति ईरानी ने हर ग्राम पंचायत में जाकर अपना प्रचार किया। इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ा और उन्होंने खुद को सीधे भाजपा प्रत्याशी से जुडा महसूस किया । गौरीगंज अमेठी का जिला मुख्यालय है और यहां का भाजपा जिला कार्यालय शहर से कुछ दूर मुंशीगंज के रास्ते में पड़ता है। यह जगह गौरीगंज फ्लाईओवर से लगभग 3-4 किलोमीटर की दूरी पर है। भाजपा कार्यालय में हलचल थी। लोग जीत से उत्साहित थे। कार्यालय कुछ नया सा लगा।

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