Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Aug, 2019 09:23 AM
घाटे से उबरने के लिए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को अमादा यूपी पावर कारपोरेशन के फैसले से उपभोक्ताओं को जल्द ही बिजली के लिए जेब और ढीली करनी पड़ सकती है। उपभोक्ता परिषद की तमाम कवायद पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन पानी फेरने को तैयार बैठा है...
लखनऊः घाटे से उबरने के लिए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को अमादा यूपी पावर कारपोरेशन के फैसले से उपभोक्ताओं को जल्द ही बिजली के लिए जेब और ढीली करनी पड़ सकती है। उपभोक्ता परिषद की तमाम कवायद पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन पानी फेरने को तैयार बैठा है और अगर सब बिजली कंपनियों की मंशा के अनुरूप रहा तो सितंबर के अंत तक घरेलू बिजली की दरों में 20 से 25 फीसदी और व्यवसायिक बिजली में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
पावर कारपोरेशन प्रबंधन विद्युत नियामक आयोग पर प्रस्तावित बिजली दरें जारी करने का दबाव बनाए हुए है। ऐसे में आशंका है कि सितंबर के पहले पखवाड़े से ही बढ़ी हुई बिजली दरें लागू कर दी जाएंगी। पावर कारपोरेशन ने 14 जून को आयोग में नई दरों का प्रस्ताव दिया था जिस पर सार्वजनिक सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग की मंशा इस मामले को अंतिम रूप देने की है। नियमानुसार सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग के पास प्रस्तावित दरें घोषित करने के लिए 4 महीने का समय होता है, लेकिन बिजली कंपनियों के दबाव के चलते इसे 3 महीनों के भीतर ही लागू किया जा सकता है।
कारपोरेशन ने आयोग को घरेलू बिजली 6.20 से 7.50 रुपये और व्यावसायिक श्रेणी की दरें 8.85 रुपये प्रति यूनिट तक करने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह उद्योगों की बिजली 10 से 15 फीसद तक महंगी करने के साथ बीपीएल, ग्रामीण अनमीटर्ड व निजी नलकूपों की दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।