Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 May, 2020 01:04 PM
कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन का फेज 3 शुरु हो चुका है। अब इस महामारी की काली छाया मुक्तिधाम पर भी पड़ती साफ दिखाई दे रही है। जिसके चलते मृतकों की अस्थियां मोक्ष पाने के लिए गंगा में प्रवाहित होने का इंतजार....
लखीमपुर खीरी: कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन का फेज 3 शुरु हो चुका है। अब इस महामारी की काली छाया मुक्तिधाम पर भी पड़ती साफ दिखाई दे रही है। जिसके चलते मृतकों की अस्थियां मोक्ष पाने के लिए गंगा में प्रवाहित होने का इंतजार कर रही हैं।
ताजा मामला लखीमपुर शहर में स्थित मुक्तिधाम का है। जहां कोरोना महामारी के 40 दिन के लॉडाउन के बीच जिन लोगों का स्वर्गवास हुआ उनके परिजनों ने मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने में लॉकडाउन एक बड़ी बाधा बनकर सामने आया। जिसके कारण लोग अपने पूर्वजों की 118 अस्थियां विसर्जित ना कर पाने के कारण मुक्तिधाम में ही रखकर लॉकडाउन के खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
मुक्तिधाम में रहने वाले पंडित अमित द्विवेदी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के कारण ही लोग अस्थियां विसर्जित करने नहीं ले जा पा रहे हैं, जिसके कारण वह लोग अस्तियां यहीं पर रख कर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद अब इन 118 मृतकों की अस्थियों को गंगा में उनके परिजनों द्वारा विसर्जित किया जाएगा। बताया जाता है कि हिंदू धर्म के अनुसार पवित्र गंगा नदी में अस्थियां विसर्जित करने पर मोक्ष की प्राप्ति मिलती है, ऐसा शास्त्रों में लिखा है।