Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 Aug, 2020 12:24 PM
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में तांबे का सबसे अधिक महत्त्व होगा। राम मंदिर निर्माण के दौरान जब तराशे गए खंभों को खड़ा किया जाएगा उस दौरान एक पत्थर को दूसरे पत्थर के हुक से जॉइंट करने के लिए तांबे की पत्ती का उपयोग किया जाएगा। यह तांबे की...
अयोध्याः अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में तांबे का सबसे अधिक महत्त्व होगा। राम मंदिर निर्माण के दौरान जब तराशे गए खंभों को खड़ा किया जाएगा उस दौरान एक पत्थर को दूसरे पत्थर के हुक से जॉइंट करने के लिए तांबे की पत्ती का उपयोग किया जाएगा। यह तांबे की पत्ती लोगों से नहीं ली जाएगी, बल्कि सरकार से शुद्ध तांबा खरीदा जाएगा और उसे पतियों की शक्ल में ढलाया जाएगा।
बता दें कि तांबे की यह पत्तियां 3 एमएम मोटी 30 एमएम चौड़ी और 18 इंच लंबी होंगी। ऐसी लगभग 10 हजार पत्तियों की आवश्यकता होगी। राम मंदिर में स्टील और लोहे का प्रयोग बिल्कुल नहीं किया जाएगा उसकी जगह तांबेे का किया जाएगा। इसके पीछे की वजह यह है कि तांबेे की उम्र लोहे और स्टील के मुकाबले काफी अधिक होती है। इसीलिए राम मंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का सहारा लिया जाएगा।