Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Mar, 2020 12:57 PM
भारत में खतरनाक कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन अपने पांव मजबूत कर रहा है। दुख की बात ये है कि इस संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं निकला है। ऐसे में कोरोना से बचाव के इलावा और कोई विकल्प नहीं है। इसी कड़ी में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में इमाम ऐशबाग ईदगाह...
लखनऊः भारत में खतरनाक कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन अपने पांव मजबूत कर रहा है। दुख की बात ये है कि इस संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं निकला है। ऐसे में कोरोना से बचाव के इलावा और कोई विकल्प नहीं है। इसी कड़ी में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में इमाम ऐशबाग ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में सभी धर्मगुरुओं की कोरोना वायरस को लेकर बैठक हुई। धर्मगुरुओं ने लोगों से किसी भी तरह का बड़ा धार्मिक आयोजन ना करने की अपील की।
फरंगी महली ने इमामों से अपील की कि बड़े जुमे के खुत्बे के बजाय छोटे खुत्बे दें, अल्लाह से दुआ करें। ताकि कोरोना के संक्रमण में आने से बचा जा सके। बेहतर है कि लोग अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज पढ़ें। जुमे की नमाज बड़ी मस्जिद में पढ़ने के बजाय घर के पास की मस्जिद या फिर घर पर ही पढ़ी जाए। बच्चों को मस्जिद न ले जाएं।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परमिंदर सिंह और कुंवर सैय्यद इकबाल ने साध संगत से वर्तमान परिस्थितियों में माथा टेक व प्रसाद ग्रहण कर समयानुसार गंतव्य को जाना सुनिश्चित करने की अपील की है। इसके साथ ही हैंडवॉश और सैनिटाइजर आदि का उपयोग करने की सलाह दी है। आयोग के सदस्यों ने कहा कि इस समय कोरोना एक महामारी के रूप में देश के सामने आया है। हमें इसका मुकाबला करना है। ऐसे में सरकार की हेल्थ एडवाइजरी का पालन करना हमारा कर्तव्य है।
फादर डोनाल्ड डिसूजा ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है। उसे देखते हुए कोई बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं करना चाहिए।