Edited By Umakant yadav,Updated: 07 Mar, 2021 12:43 PM
उत्तर प्रदेश के गोंडा में मिशन शक्ति योजना की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। जहां योगी सरकार का नारा न गुंडाराज न भ्रष्टाचार अबकी बार योगी सरकार जुमले में तब्दील हो चुका है। प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार चरम पर है। मिशन शक्ति गुंडाराज के आगे...
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा में मिशन शक्ति योजना की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। जहां योगी सरकार का नारा न गुंडाराज न भ्रष्टाचार अबकी बार योगी सरकार जुमले में तब्दील हो चुका है। प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार चरम पर है। मिशन शक्ति गुंडाराज के आगे फेल हो गया है। इसका उदाहरण गोण्डा में देखने को मिला जहां पर एक महिला को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया है। जिसकी वजह से महिला बुरी तरह से झुलस गई और अस्पताल में जिंदगी मौत की जंग लड़ रही है।
बता दें कि बीते 1 मार्च को घटी यह घटना गोंडा नगर कोतवाली क्षेत्र के बेनीनगर खैरा गांव की है। जिसे पुलिस ने 5 दिनों तक छुपाने की कोशिश की। बुरी तरह से जल चुकी पीड़िता श्रीदेवी ने बताया कि वह शाम को शौच के लिए गई थी और 4 लोगों ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर और जला दिया। गंभीर हालत में महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत नाजुक देखकर उसे लखनऊ के लिए रेफर किया गया। लेकिन महिला सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस पूरे मामले को रफा-दफा करने में जुट गई। उधर, महिला बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत से लड़ रही थी। इधर पुलिस मामले को अज्ञात में दर्जकर चैन की सांस ले ली थी। लेकिन पांच दिन बाद जब महिला को होश आया तो उसने अपनी आपबीती मीडिया के सामने रखी। जिसके बाद मानो गोण्डा पुलिस महकमे में भूचाल आ गया।
जिस मामले को गोण्डा नगर कोतवाल दबाने की कोशिश कर रहे थी उसमें आनन फानन में अज्ञात के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोपियों के नाम बढ़ा दिए हैं। पहले कोतवाल आलोक राव ने घरेलू हिंसा बताकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहते थे। लेकिन महिला के बयान ने पुलिस के अरमानों पर पानी फेर दिया। वहीं अब एसपी गोण्डा शैलेश कुमार पांडे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं।