Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 02 Oct, 2020 08:12 AM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाथरस कांड की पीड़िता के देर रात में अंतिम संस्कार की तुलना सीता की ‘अग्नि-परीक्षा'' से की, वहीं राज्य में कांग्रेस ने अनेक स्थानों
कोलकाता/लखनऊः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाथरस कांड की पीड़िता के देर रात में अंतिम संस्कार की तुलना सीता की ‘अग्नि-परीक्षा' से की, वहीं राज्य में कांग्रेस ने अनेक स्थानों पर उत्तर प्रदेश की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। भाजपा की प्रदेश इकाई ने बनर्जी पर ‘दोहरे मानदंड' रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके राज्य में इसी तरह की घटनाओं पर वह चुप रहती हैं।
जलपाईगुड़ी जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने इस मामले को संभालने को लेकर उत्तर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक बार देवी सीता को अग्नि- परीक्षा से गुजरना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश में दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके शव को अग्नि के हवाले कर दिया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई अपराध होता है तो कार्रवाई 72 घंटे के अंदर होनी चाहिए जैसा हमने किया। यह किस तरह का प्रशासन है जहां रात के अंधेरे में युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया और (आरोपियों के खिलाफ) कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई।''
बनर्जी ने आरोप लगाया कि अपराध करने वालों ने युवती की मां को धमकाया कि उन्हें भी उनकी बेटी के साथ चिता पर लिटा दिया जाएगा। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, ‘‘मेरे पास हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुई बर्बरतापूर्ण एवं शर्मनाक घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं उसके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं।''