Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Dec, 2018 10:39 AM
संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में इस बार श्रद्धालुओं को प्राचीन भारत की झलक देखने को मिलेगी। दरअसल, कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर-19 में संस्कृति ग्राम को बसाया जा रहा है। इस संस्कृति ग्राम में सन् 1947 से पहले के भारत की प्राचीन...
प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में इस बार श्रद्धालुओं को प्राचीन भारत की झलक देखने को मिलेगी। दरअसल, कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर-19 में संस्कृति ग्राम को बसाया जा रहा है। इस संस्कृति ग्राम में सन् 1947 से पहले के भारत की प्राचीन झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी।
अरैल तट से तकरीबन 8 बीघे में बन रहे संस्कृति ग्राम को मुंबई, कलकत्ता और वाराणसी की कंपनियां तैयार कर रही है। संस्कृति ग्राम को सूर्य की तरह सजाया जा रहा है, जिसमें सूर्य किरण की तरह 21 किरण में विभिन्न तरह की आदिकाल से जुड़ी मूर्तियां और पेंटिंग को दर्शाया जाएगा। इसमें प्रवेश द्वार समुद्र मंथन से होगा, जबकि बाहर निकलने के लिए 3 गेट बनाए जा रहे हैं।
चारों प्वाइंट के गेट के ऊपर आकर्षक अमृत कलश स्थापित किया जा रहा है जो धर्म, समाज, इतिहास संग हमारी पहचान से भी हम सब को रूबरू कराएंगे। कलकत्ता से लगभग 5 दर्जन कारीगर बुलाए गए हैं जो सरस्वती ग्राम को नया रूप दे रहे हैं। संस्कृति ग्राम 12 जनवरी तक तैयार कर दिया जाएगा।
मुंबई से आर्किटेक्ट अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि संस्कृति ग्राम में एक तरफ जहां महाभारत काल, रामायण,चंद्रगुप्त मौर्य, इंडो मुस्लिम हिस्ट्री से जुड़े ताजमहल, फतेहपुर सीकरी की वास्तुकला की झलक दिखेगी, वहीं दूसरी तरफ सम्राट अशोक महाराजा, शिवाजी, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाई जाएगी।
संगम के किनारे बन रहे संस्कृति ग्राम में सर्व धर्म समभाव की झलक अपने आप में निराली होगी। कुंभ या महाकुंभ के अब तक के इत्तिहास में पहली बार संस्कृति ग्राम को बसाया जा रहा है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संस्कृति ग्राम का उद्घाटन करने के लिए अगले महीने प्रयागराज आ सकते हैं।