Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 09 May, 2020 04:06 PM
कोरोना वायरस के माहौल ने इस वक्त यह साबित कर दिया है कि वास्तव में धरती का भगवान केवल डॉक्टर ही होता है। वहीं इनकी कुछ लापरवाही देखकर मरीज के साथ-साथ लोग भी दांतो तले उंगली दबा...
लखनऊः कोरोना वायरस के माहौल ने इस वक्त यह साबित कर दिया है कि वास्तव में धरती का भगवान केवल डॉक्टर ही होता है। वहीं इनकी कुछ लापरवाही देखकर मरीज के साथ-साथ लोग भी दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। ऐसा ही लापरवाही का मामला सामने आया उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित केअर डायग्नोस्टिक सेंटर से जहां एक मरीज के अल्ट्रासाउंड में उस किडनी को नार्मल दिख दिया गया, जो 2 साल पहले ही बीमारी की वजह से निकाली जा चुकी थी।
बता दें कि योगेश जो कि आलमबाग के चंदन नगर का निवासी है ने 5 मई को कानपुर रोड स्थित केअर डायग्नोस्टिक सेंटर में अपने पिता अनिल कुमार का अल्ट्रासाउंड कराया था। इस टेस्ट की रिपोर्ट 6 मई को मिली। रिपोर्ट में मरीज की राइट किडनी को नार्मल दिखाया गया था। रिपोर्ट देखकर योगेश को बड़ा झटका लगा व परिजन हैरान और परेशान हो गए। क्योंकि उसके पिता की किडनी पहले ही निकाली जा चुकी थी। जिसपर विश्वास किया, वहां इतनी बड़ी लापरवाही की उन्हें उम्मीद तक नहीं थी। जांच के नाम पर मोटी फीस लेने वाले डायग्नोस्टिक सेंटर इस तरह से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मरीज की 2018 में KGMU में हुई थी सर्जरी
योगेश ने बताया कि 6 मार्च 2018 को उसके पिता की KGMU में सर्जरी हुई थी। पिता को गंभीर बीमारी थी जिसके चलते उसके पिता की राइट किडनी निकालनी पड़ी थी। इसके बाद से पिता का लगातार ट्रीटमेंट चलता है। इन दो सालों में जब भी दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट मे राइट किडनी नज़र न आने का ज़िक्र होता था। लेकिन इस बार केअर डायग्नोस्टिक में जब अल्ट्रासाउंड कराया तो किडनी को नार्मल दिखाया गया। जब राइट किडनी थी ही नहीं, तो नार्मल कैसे हो सकती है।
सेंटर के CEO ने जिम्मेदार पर कार्रवाई की कही बात
योगेश ने रिपोर्ट में गड़बड़ी को आगे इलाज होने से पहले ही पकड़ लिया। इस मामले में डायग्नोस्टिक सेंटर ने भी अपनी गलती को माना है। वहीं सेंटर के CEO नरेंद्र राठी ने जिम्मेदार पर कार्रवाई की भी बात कही है।