Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 14 May, 2020 04:48 PM
फोड़े, संक्रमित घाव, कटे-फटे पैरों के तलवों के साथ लगभग 50 साल कैद में रही हथिनी फूलकली ने आज अपनी आजादी का आठवां वर्ष मनाया। हाथी सेंटर में केक काटकर फूलकली का आठवां स्वतंत्रता दिवस...
मथुराः फोड़े, संक्रमित घाव, कटे-फटे पैरों के तलवों के साथ लगभग 50 साल कैद में रही हथिनी फूलकली ने आज अपनी आजादी का आठवां वर्ष मनाया। हाथी सेंटर में केक काटकर फूलकली का आठवां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। फरह में लगभग 50 साल कैद रही हथिनी को आठ वर्ष पहले फोड़े, संक्रमित घाव, कटे-फटे पैरों के तलवों के साथ छोड़ दिया गया था।
50 वर्ष सही क्रूर यातना
बता दें कि फूलकली ने अपने जीवन के 50 वर्ष से अधिक आगरा में एक भीख मांगने वाले हाथी के रूप में काम किया। गर्म डामर की सड़कों पर घंटों तक चलने के कारण उसके नाजुक पैरों के तलवे बुरी तरह कटे-फटे और खराब हो गए थे। लगभग आठ साल पहले, वन्यजीव संरक्षण एनजीओ वाइल्डलाइफ एसओएस ने फूलकली को सफलतापूर्वक बचाया जो अब हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, मथुरा में एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी रही है।
हाथी होते हैं सामाजिक जानवर
वाइल्डलाइफ SOS के वेटरनरी सर्विस के असिस्टेंट डायरेक्टर, डॉ. यदुराज खडपेकर ने बताया कि “सालों के दुर्व्यवहार और उपेक्षा का 63 वर्षीय फूलकली के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ा और उसे ठीक होने में लंबा समय लगा है। उसके इलाज के दौरान, फूलकली को मेडिकेटेड फुटपाथ में आराम मिलता है, उसके फुटपैड को नियमित रूप से ट्रिम किया जाता है, तथा उसे एक पौष्टिक और स्वस्थ आहार मिलता है। उसका वजन 4500 किलोग्राम है। इंसानों की तरह ही, हाथी भी सामाजिक जानवर हैं और उनका झुंड से अलग होने का उनके दिमाग पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ता है।