Edited By Ramkesh,Updated: 27 Mar, 2021 06:26 PM
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एक अभियंता ने अपने ही विभाग की कार्यशैली में सवालिया निशान लगाते हुए शनिवार को अस्थायी बिजली का कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के हित में एक साहसिक सुझाव आला अधिकारियों को दिया है। लेसा के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एक अभियंता ने अपने ही विभाग की कार्यशैली में सवालिया निशान लगाते हुए शनिवार को अस्थायी बिजली का कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के हित में एक साहसिक सुझाव आला अधिकारियों को दिया है। लेसा के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने अपने उच्चाधिकारियों को एक पत्र लिखा और सुझाव दिया कि दो किलोवाट तक के अस्थाई संयोजन लेने वाले उपभोक्ता जिस समय अवधि के लिए अस्थाई संयोजन लेते है ज्यादातर मामलों में उस समय अवधि में वह अपने परिसर में निर्माण कार्य नहीं करा पाते और अंतिम तिथि के आगे भी उनका काम चलता रहता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में न ही विभागीय कार्मिको और न ही उपभोक्ता को पता रहता उनकी अंतिम तिथि समाप्त हो गयी है। ऐसे दो किलोवाट तक के मामलो में विभाग द्वारा भी उपभोक्ताओ को समय से नहीं बताया जाता कि उनकी अस्थायी संयोजन की अवधि समाप्त हो गयी है और न ही उनका संयोजन ही विछेदित किया जाता। फिर ऐसे मामलो में बिजली चोरी मानकर उन्हे परेशान किया जाता उपभोक्ता कभी पुलिस थाना कभी विभाग का चक्कर काटते और ऐसे उपभोक्ताओ को बिजली चोरी में बुक कर दिया जाता और बड़ी पेनाल्टी लगा दी जाती है। मुख्य अभियन्ता ने लिखा कि यह भ्रष्टाचार और भयादोहन का कारण बनता है और उपभोक्ता बनने के पहले ऐसे उपभोक्ताओं के मन में विभाग के खिलाफ खराब अवधारणा पनपती है। उन्होंने ऐसे मामलों में शिवलिंग पर उच्चाधिकारियों से सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है।