Edited By Ruby,Updated: 24 Aug, 2018 05:39 PM
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तीन युवकों को निर्वस्त्र कर पिटाई करने वाले छह दबंगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के विरोधाभासी बयानों से संशय की स्थिति बनी हुई है। पुलिस अधीक्षक (नगर) के...
मुरादाबादः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तीन युवकों को निर्वस्त्र कर पिटाई करने वाले छह दबंगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के विरोधाभासी बयानों से संशय की स्थिति बनी हुई है। पुलिस अधीक्षक (नगर) के अंकित मित्तल के अनुसार सभी नामजद आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जबकि सिविल लाइन प्रभारी निरीक्षक ने किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी से स्पष्ट इंकार किया है।
उधर, पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कानून को हाथ में लेने वाले चाहे कितने बड़े माफिया, रसूखदार क्यों न हो उन्हें बख्शा नहींं जाएगा। मित्तल ने बताया कि तीन युवकों को बंधक बनाकर निर्वस्त्र कर अमानवीय सजा देने का वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित परिजनों की ओर से सिविल लाइन कोतवाली में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के आधार पर मामले में शामिल मनमीत, प्रवेश यादव , दुष्यंत त्यागी , मोनूपाल, दिनेश सैनी और टीटू चौहान को नामजद किया गया है, जबकि पांच आरोपी अज्ञात बताए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नामजद सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच सिविल लाइन कोतवाल ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तारी से पहले मामले की पूरी तहकीकात की जाएगी तब जाकर गिरफ्तारी संभव है। माफियाओं के उत्पीड़न के शिकार होने वाले तीनों युवकों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर जेल भेजने में जल्दबाजी और संगीन धाराओं में नामजदों के प्रति पुलिस की दरियादिली संबंधी सवाल पर पुलिस अधिकारी ने कहा कानून का इस्तेमाल करने का भी तरीका होता है।
गौरतलब है कि मुरादाबाद नगर में शराब और जमीन से जुड़े कारोबारियों के गुर्गों ने पहले तीन कर्मचारियों को जमकर पीटा, वीडियो बनाई और पुलिस से सांठगाठ कर किसी मामले में गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। घटना का विडियो वायरल होने पर पीड़ितों के परिजनों को जब असलियत पता चली तो उन्होंने दबंगों के विरुद्ध मारपीट और साजिशन जेल भिजवाने की तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की पुलिस से गुहार लगाई।
पीड़ित पक्ष की ओर कोतवाली गई महिलाओं को पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया। पीड़ित पक्ष की ममता शुक्ला ने पत्रकारों को बताया कि पिछली दस अगस्त को पिटाई के बाद 11 अगस्त को उनके पति प्रमोद शुक्ला समेत तीन लोगों पुलिस ने दबंगों के दबाव में चोरी के आरोप में जेल भेज था। गिरफ्तारी के समय उनके पति की हालत ठीक नहीं थी और वह दहशत की वजह से ठीक से घटना के बारे में बता नहीं पाया था। बीती 17-18 अगस्त को दबंगों द्वारा उसके पति की बुरी तरह पिटाई करते हुए का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद जाकर परिजनों को दबंगों की असलियत का खुलासा हो सका था। समूचे क्षेत्र में इस अमानवीय घटना की निंदा की जा रही है।