इलाज के नाम पर 8 दिन तक हॉस्पिटल में किया भर्ती, फिर बना दिया 2,12,500 रुपए बिल, परिजनों के उड़े होश

Edited By Ramkesh,Updated: 19 Jul, 2022 12:37 PM

the arbitrariness of the private hospital came to the fore

उत्तर प्रदेश के शामली में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी सामने आई है यहां पर एक मरीज को 8 दिन तक अस्पताल में इलाज के नाम पर रखा उसके बाद उसे  2,12500 रुपये का बिल..

शामलीः उत्तर प्रदेश के शामली में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी सामने आई है यहां पर एक मरीज को 8 दिन तक अस्पताल में इलाज के नाम पर रखा उसके बाद उसे  2,12500 रुपये का बिल थमा दिया। विल देख कर परिजनों के होश उड़ गए। पीड़ित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया और मामले की जानकारी पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को देते हुए न्याय की गुहार लगाई। 

बता दें कि यह मामला शामली जनपद के कस्बा ऊन से जुड़ा हुआ है। यहां की निवासी प्रसन्दी देवी नाम की महिला 9 जुलाई को गंगा अमृत मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में गुर्दे में हो रही परेशानी के कारण इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी में भर्ती कराने की फीस 10000 लिए गए। वही हॉस्पिटल में परिजनों को आईसीयू का चार्ज 5000 प्रतिदिन, आईसीयू में डॉक्टर की विजिट का चार्ज 2000 प्रतिदिन के हिसाब से बताया गया था, लेकिन मरीज को भर्ती करने के बाद आईसीयू में डॉक्टर की विजिट 4000 प्रतिदिन के हिसाब से लगाई गई। जिससे 8 दिन के हिसाब से 32,000 रुपये बिल बनाया गया है। आईसीयू में भर्ती महिला को 500 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से ऑक्सीजन दी जाती थी, जिस हिसाब से ऑक्सीजन का बिल 96000 रुपये बनाया गया। जब मरीज के परिजनों ने मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज के लिए कहा तो अस्पताल वालों ने 8 दिन के हिसाब से पूरा बिल 2,12500 रुपये बना कर परिजनों के हाथ में थमा दिया गया। बिल देखकर पीड़िता के परिजन हैरान हो गए। जिसको लेकर उनकी डॉक्टरों से काफी देर तक बहस भी हुई। जिसके बाद पीड़ितों ने मामले की जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच करनी शुरु कर दी।

बीमारी से संबंधित डॉक्टर अस्पताल में तैनात ही नहीं 
दरअसल, पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए बताया कि सबसे अहम बात है कि महिला को गुर्दे में प्रॉब्लम होने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन इस बीमारी से संबंधित डॉक्टर अस्पताल में तैनात ही नहीं है। इस मामले में पुलिस ने डॉक्टरों से बात की तो पता चला कि जिस डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया है, वो डॉक्टर आयुर्वेदिक इलाज से संबंध रखता है। ऐसे में सवाल उठता है कि मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जब गुर्दे की बीमारी का डॉक्टर ही नहीं है, तो यह बीएएमएस डॉक्टर किस प्रकार से महिला का इलाज कर रहा था।

CMO ने मामले में जांच के दिए आदेश   
CMO ने मामले सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। तब मामला गर्माता देख मौके पर पहुंचे अस्पताल के डॉक्टर सुनील कुमार ने 1,40,000 रुपए का बिल लेने के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया है। वहीं पीड़ित महिला के परिजनों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। जिसके बाद शामली जिला अधिकारी जसजीत कौर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल  पुलिस की लचीला कार्रवाई के चलते अभी तक आरोपी फरार चल रहा है। 

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