Edited By Ruby,Updated: 19 May, 2018 12:39 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने जल निगम भर्ती घोटाले मामले में कैबिनेट मंत्री रहे मोहम्मद आजम खां के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के मामले में सरकार से पूछा है कि इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है अथवा नहीं। न्यायमूर्ति देवेंद्र कु
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने जल निगम भर्ती घोटाले मामले में कैबिनेट मंत्री रहे मोहम्मद आजम खां के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के मामले में सरकार से पूछा है कि इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है अथवा नहीं।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की अदालत ने आजम खान द्वारा दायर याचिका पर आज यह आदेश दिए हैं। याचिका दायर कर जल निगम भर्ती घोटाले मामले में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गई है और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि लगाए गए आरोप सही हैं।
शाही ने बताया कि एसआईटी जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है। कहा गया कि इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं जल निगम के चेयरमैन रहे आजम खान पर जो आरोप है वह गंभीर हैं तथा उनके समर्थन में सबूत भी हैं।
गौरतलब है कि जल निगम में 122 सहायक अभियंताओं एवं अन्य कर्मियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर घाल मेल किया गया है। इस मामले की जांच एसआईटी ने की थी। याचिका दायर कर आजम खान ने प्राथमिकी को निरस्त किये जाने एवं गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की है। अदालत ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिये 24 मई की तिथि नियत की है।