Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 30 May, 2020 06:24 PM
कोरोना संकट के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक वापसी कर रहे हैं। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके...
प्रयागराजः कोरोना संकट के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक वापसी कर रहे हैं। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है। वहीं शासन के निर्देश पर जिले के 8 घाटों पर बालू खनन पट्टे के लिए फिर से टेंडर निकाला जाएगा।
बता दें कि खनन विभाग के अफसरों की मनमानी और गड़बड़ी के चलते सभी पट्टों को निरस्त कर दिया गया था। बालू के अवैध खनन, अवैध परिवहन और खनन में गड़बड़ी के चलते पांच अफसरों पर गाज भी गिरी थी। इसके बाद पट्टों का फिर से निर्धारण शुरू हुआ। दो पट्टे दिए जो संचालित हैं। चार और घाटों पर खनन का पट्टा दिया, जल्द ही प्रमाण पत्र भी जारी होगा। जिससे बालू श्रमिकों को काम मिलेगा और बालू का भाव भी गिरेगा।
जिला खनन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि यमुना में बारा के मझियारी भंमौर, मानपुर, ओझा पट्टारी, बरहुला, गंगा में करछना में देवरख, मवैयाकला से चांड़ी तक, सेमरहा से रामपुर व लीलापुर से शहबाज तक, गंगा और टोंस के संगम से पकरी सेवार तक, उस्मानपुर से बढ़ौली परानीपुर प्रथम तथा परानीपुर तृतीय घाटों पर पट्टा के लिए टेंडर 10 जून को होगा। इन घाटों पर बालू खनन शुरू होने से 25 हजार से ज्यादा श्रमिकों को काम मिलेगा।