शिक्षिकाओं ने स्थानांतरण को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री का घेराव कर सौंपा ज्ञापन

Edited By Ajay kumar,Updated: 14 Dec, 2019 05:53 PM

teachers submitted a memorandum surrounding transfer of education minister

उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डा0 सतीश चंद्र द्विवेदी का परिषदीय स्कूल की शिक्षिकाओं ने  घेराव किया है। बलरामपुर में बीजेपी कार्यालय पर सैकड़ो की संख्या में परिषदीय स्कूल की शिक्षिकाओं ने...

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डा0 सतीश चंद्र द्विवेदी का परिषदीय स्कूल की शिक्षिकाओं ने  घेराव किया है। बलरामपुर में बीजेपी कार्यालय पर सैकड़ो की संख्या में परिषदीय स्कूल की शिक्षिकाओं ने पहुंचकर बेसिक शिक्षा मंत्री का घेराव करते हुए उन्हें अपनी समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपा है। यहां शिक्षा राज्यमंत्री अपने एक दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं।
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बता दें कि शिक्षिकाओं का आरोप है कि सभी जनपदों में शासन की स्थानांतरण नीति लागू  है परंतु बलरामपुर में स्थानांतरण नीति लागू नहीं की जा रही है। स्थानांतरण ना होने के कारण शिक्षिकाएं काफी परेशान हैं। अपने जनपद से काफी दूर नियुक्ति होने के कारण उनकी पारिवारिक स्थिति भी समस्याओं से ग्रसित हो चुकी है। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है तथा घर के बूढ़े बुजुर्गों की देखभाल भी नहीं हो पा रही है। शिक्षिकाओं ने शिक्षा मंत्री से मांग किया है कि बलरामपुर में भी स्थानांतरण नीति लागू करते हुए उन लोगों का स्थानांतरण शुरू कराया जाए।
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शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने शिक्षिकाओं को आश्वासन दिया कि आकांक्षी जनपद होने के कारण इस जिले में स्थानांतरण नियम को लागू नहीं किया जा सकता।  उन्होंने कैबिनेट की बैठक में एक्सप्रेशनल जनपदों में भी स्थानांतरण लागू करने की सिफारिश की है और उसे सशर्त लागू भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि  आकांक्षी जनपदों से उतने ही अध्यापकों का स्थानांतरण किया जा सकेगा जितने अन्य जनपदों से इस जनपद में आएंगे।
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शिक्षिका अनुराधा का कहना है कि अन्य जनपद को रोककर बलरामपुर जनपद में भर्ती का विज्ञापन लिकाला जाए जिससे यहां रिक्त पद भरे जा सकें। इससे हमें जाने का मौका मिले ताकि जिन अध्यपकों के 4 से 5 वर्ष हो चुके हैं और अपने बच्चों से दूर हैं हमारे बच्चे तक हमें भूल गए हैं। शिक्षिका ने कहा कि जिनके सहारे लड़की ससुराल में जाती है मां-बाप की सेवा करने के लिए, उनकी सेवा तक हम नहीं कर पा रहे हैं।
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शिक्षिका रागिनी का कहना है कि हमारे जनपद में बाहरी लोग जाकर सीटें फुल कर देते हैं हमें हमारे ही जनपद में जगह नहीं मिलती। इससे हम पीछे हो जाएंगे क्या पिछड़े जिले में होने के कारण हमें इतनी बड़ी सजा दी जा रही है। 3 साल के बावजूद हम एक ही जनपद में 10 साल तक पड़े रहेगें। वहीं उनका कहना है कि क्या पिछड़े जनपद में होने के उन्हें 10 अंक मिलेंगे।

 

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