TB की रोकथाम में जुटी योगी सरकार, रोगी की जानकारी न देने पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा

Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 Apr, 2018 11:19 AM

tb may not be given information about patient punishment for 2 years

क्षय (टीबी) रोग की रोकथाम के लिए हर मुमकिन उपाय करने में जुटी सरकार ने साफ किया है कि संक्रामक बीमारी के रोगी की जानकारी नहीं देने वाले जिम्मेदार संस्थाओं (स्वास्थ्य प्रदाताओं, सरकारी स्वंय सेवी संस्थाएं, प्राईवेट क्लीनिक, लैब, अस्पताल, फार्मेसी...

लखनऊ: क्षय (टीबी) रोग की रोकथाम के लिए हर मुमकिन उपाय करने में जुटी सरकार ने साफ किया है कि संक्रामक बीमारी के रोगी की जानकारी नहीं देने वाले जिम्मेदार संस्थाओं (स्वास्थ्य प्रदाताओं, सरकारी स्वंय सेवी संस्थाएं, प्राईवेट क्लीनिक, लैब, अस्पताल, फार्मेसी कैमिस्ट एवं दवा विक्रेताओं) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यहां तक इस मामले में 2 वर्ष तक की कैद का प्रावधान है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि टीबी रोगियों को ठीक से उपचार न मिलने कारण रोग के दोहराने और बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में रोगी से संबंधित सही जानकारी सरकार के पास न होने से पुर्नक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों को नि:शुल्क जांच व उपचार नहीं मिल पा रहा है। यदि कोई भी मरीज प्राईवेट या सरकारी अस्पताल या क्लीनिक से आता है तो उसे 50 रुपए प्रति माह पोषण भत्ते के रूप में दिया जाएंगे।

इसके अलावा जो भी प्राइवेट डॉक्टर, क्लीनिक व फार्मेसी कैमिस्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जानकी देगा, उसको 100 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में और मरीज का इलाज पूरा कर उसे रोगी का उपचार करने वाले डाक्टर को 500 रुपए अलग से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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