Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Sep, 2021 01:16 PM
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में लंबे समय से बैठे भ्रष्ट और सुस्त अफसरों की सेवा पर कैंची चलाने के तैयारी शुरू हो गई है। 50 साल की आयु को पड़ाव पार कर चुके दागी, भ्रष्ट अयोग्य, अनुशासनहीन अफसरों को नियमों के तहत जबरन रिटायरमेंट दी जाएगी। यूपी के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पुलिस विभाग (Police Department) में लंबे समय से बैठे भ्रष्ट और सुस्त अफसरों की सेवा पर कैंची चलाने के तैयारी शुरू हो गई है। 50 साल की आयु को पड़ाव पार कर चुके दागी, भ्रष्ट अयोग्य, अनुशासनहीन अफसरों को नियमों के तहत जबरन रिटायरमेंट (Forced retirement) दी जाएगी। यूपी के एडीजी स्थापना संजय सिंघल (UP ADG Establishment Sanjay Singhal) की ओर से सभी जिलों के कप्तान और पुलिस कमिश्नरों (police commissioners) को भेजे गए एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा गया है। जिसने पुलिस महकमें में हड़कंप मचा दिया है।
दरअसल, एडीजी स्थापना द्वारा भेजे गए पत्र में 26 अक्टूबर 1985 से लेकर 6 जुलाई 2017 तक के कई शासनादेशों का हवाला देकर 50 साल या इससे ऊपर के उम्र के कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति देने के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई समय और नियम के मुताबिक कराने को कहा गया है। पहले की तरह ही इस कार्यवाई को करने का आदेश दिया गया है।
स्क्रीनिंग से रखी जाएगी पुलिसकर्मियों पर नजर
पत्र में साफ लिखा है कि 30 मार्च 2021 को 50 साल या इससे अधिक की उम्र के पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के लिए स्क्रीनिंग की कार्यवाई कराई जाए। स्क्रीनिंग कमेटी में नॉन गजेटेड पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने वाले अधिकारियों को रखने की बात भी पत्र में लिखी है। दागी, भ्रष्ट, अयोग्य, अनुशासन का पालन न करने वाले पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करा कर 30 नवंबर 2021 तक एडीजी स्थापना के दफ्तर को सूचित करने का आदेश दिया गया है।
ACR के आधार पर होती है छंटनी
पुलिसकर्मियों की परफॉर्मेंस के लिए हर साल उनकी एसीआर बनाई जाती है, इस एसीआर के आधार पर ही छंटनी की शुरुआत होती है। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की भर्ती नियमावली के नियम 56ग के तहत कर्मचारियों की उपयुक्तता को उसका नियुक्ति अधिकारी तय करता है और एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर अनुपयुक्त और अयोग्य कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाता है।