Edited By Ruby,Updated: 10 Dec, 2018 10:45 AM
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं आगरा विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ‘नारी शक्ति कुम्भ’ एक वैचारिक मंथन’ कार्यक्रम में देश भर से आईं 5 हजार महिलाओं को संबोधित किया। संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटियों को सिखाएं कि वे...
मथुरा: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं आगरा विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ‘नारी शक्ति कुम्भ’ एक वैचारिक मंथन’ कार्यक्रम में देश भर से आईं 5 हजार महिलाओं को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संबोधित किया। संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटियों को सिखाएं कि वह अपने शब्दकोश से ‘तुम कुछ नहीं कर सकतीं’ वाक्य निकाल दें क्योंकि, वह भी, वह सब कर सकती हैं जो पुरुष कर सकते हैं। यही बात उन्हें अपनी बेटियों को भी सिखानी होगी। ऐसा करने से ही पूरे समाज की सोच बदलेगी।’
उन्होंने वर्तमान नारी को अपनी शक्ति पहचानने की सलाह देते हुए कहा कि ‘समय बदल चुका है। नारी समाज को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी और अपनी शक्ति पहचाननी होगी। जंगल में शिकार करने का कार्य शेरनी करती है, शेर नहीं करते। वहीं पहले शेर को और बच्चों को खिलाती है। उनके बाद खुद अपना पेट भरने की सोचती है। इसी प्रकार हाथियों के झुण्ड का नेतृत्व भी हथिनी ही करती है, जो उसकी बौद्धिक क्षमता का प्रतीक है।’
वृन्दावन में आयोजित किए नारी शक्ति कुम्भ की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि ‘पुरुष व नारी राष्ट्र के दो पहिए हैं जिनके कंधों पर राष्ट्र को ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेदारी है। इसलिए दोनों में आपसी सामंजस्य होना चाहिए।’ नारी शक्ति कुम्भ कार्यक्रम में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भाग लिया। इस बीच, प्रथम दिन के विभिन्न सत्रों में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास व पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल, स्थानीय सांसद हेमामालिनी व ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किए।