Edited By Ruby,Updated: 28 Aug, 2018 02:38 PM
उच्चतम न्यायालय ने आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण को लेकर सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत परामर्श मांगे हैं। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ ने ताजमहल के रख-रखाव के मामले में सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति को एक महीने...
आगराः उच्चतम न्यायालय ने आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण को लेकर सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत परामर्श मांगे हैं। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ ने ताजमहल के रख-रखाव के मामले में सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति को एक महीने में दृष्टिपत्र सौंपने को कहा है।
न्यायालय ने ताजमहल संरक्षित (टीटीजेड) में औद्योगिक कंपनियों की सही गिनती नहीं पता होने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया। न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि अगर सरकार के पास टीटीजेड में इंडस्ट्रीज की संख्या सही पता नहीं है तो इसका मतलब है कि उसका मसौदा दृष्टि पत्र ही गलत है। यह बहुत ही आश्चर्य की बात है कि अभी तक सरकार को यह ही नहीं पता कि क्षेत्र में कितनी औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं।
न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब सरकार द्वारा ताज सरंक्षण के लिए नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सदस्य प्रोफेसर मीनाक्षी दोहते ने पीठ को बताया कि पहले राज्य सरकार ने उन्हें इलाके की इंडस्ट्री की सूची दी थी, लेकिन बाद में कहा कि उसमें बदलाव किया जायेगा क्योंकि सूची सही नहीं है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एम सी मेहता, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश सरकार से ताज के संरक्षण को लेकर सुझाव मांगे।