Edited By Ramkesh,Updated: 02 May, 2020 05:24 PM
देश में कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडान लागू है। रोज़गार बंद हो गए है। ऐसे में प्रवासी मज़दूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
सुलतानपुर: देश में कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडान लागू है। रोज़गार बंद हो गए है। ऐसे में प्रवासी मज़दूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में मज़दूरों के पैदल आने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसा ही नजारा सुलतानपुर में देखने को मिला। जहां पर युवक रोज़गार के चक्कर में कानपुर में रह रहा था। लॉडाउन में काम बंद हो जाने से वह पैदल ही घर की तरफ निकल दिया,लेकिन युवक ने समझदारी दिखते हुए खुद गांव के स्कूल में अपने आप को क्वारेंटाइन कर लिया है। युवक ने शुक्रवार की शाम को पहुंच कर प्रधान को इसकी सूचना दी है।
बता दें कि जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र के दोस्तपुर ब्लाक के गोशैसिंहपुर ग्राम पंचायत के आनूपुर गांव निवासी राघवेंद्र मिश्र कानपुर देहात के एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। लॉकडाउन के चलते जब काम बंद हो गया तो उन्हें वहां समस्या होने लगी। 28 अप्रैल की भोर में वे कानपुर देहात से पैदल निकल पड़े। फतेहपुर, रायबरेली, अमेठी होते हुए सुलतानपुर पहुंचे।
शुक्रवार की शाम जब अपनी ग्राम पंचायत में प्रवेश किया तो इसकी सूचना प्रधानपति बलराम यादव को को दी। और आनूपुर प्राथमिक स्कूल में खुद को क्वारेंटाइन कर लिया। गांव के आशा बहू को स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के लिए सूचना दी। स्कूल की साफ-सफाई शनिवार की सुबह सफाई कर्मी की ओर से की गई। राघवेंद्र मिश्र ने बताया कोरोना महामारी में जागरूकता जरूरी है। इसी वजह से घर जाने बजाय सीधे स्कूल में ही प्रवेश किया। जागरूकता ही बचाव है।