Edited By Deepika Rajput,Updated: 30 Sep, 2018 05:28 PM
बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात एक महिला सिपाही का शव रविवार सुबह उसके कमरे में फंदे से लटकता पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस बल पहुंचा।
बाराबंकीः बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात एक महिला सिपाही का शव रविवार सुबह उसके कमरे में फंदे से लटकता पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस बल पहुंचा।
हरदोई की रहने वाली महिला सिपाही मोनिका हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात थी। वह हैदरगढ़ कस्बे के मितईपुरवा वार्ड में एक मकान में किराए पर रहती थी। रविवार को मोनिका का फोन ना मिलने पर पड़ोस में रहने वाला दूसरा सिपाही उसे तलाश करते हुए उसके घर आया। खटखटाने पर दरवाजा नहीं खुला तो उसने धक्का मारकर दरवाजा खोला। कमरे में उसने मोनिका का शव पंखे में रस्सी के फंदे पर लटकता पाया। सिपाही ने इसकी सूचना कोतवाली को दी।
कुछ देर बाद मोनिका का लिखा एक सुसाइड नोट व्हाट्सएप पर वायरल हुआ। उस खत में लिखा है कि मोनिका थाने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में काम करती थी, मगर इसके बावजूद उसकी ड्यूटी नियम विरुद्ध तरीके से बाहर लगाई जाती थी। जब उसने विरोध किया तो थाने पर तैनात मुंशी रुखसार अहमद और थाना प्रभारी परशुराम ओझा ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
खत में कहा गया है कि मोनिका जब 29 सितंबर को छुट्टी का प्रार्थना पत्र लेकर ओझा के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और कहा कि मैं छुट्टी नहीं दूंगा, जाकर पुलिस क्षेत्राधिकारी से मिलो। मोनिका ने अपने पत्र में लिखा कि छुट्टी अधिकार होता है उसके लिए भी अगर उच्चाधिकारियों के सामने भीख मांगने पड़े तो यह ठीक नहीं है। अगर उसे छुट्टी दे दी जाती तो वह यह कदम ना उठाती।
पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें किसी सुसाइड नोट के बारे में जानकारी नहीं है। मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल प्रभारी निरीक्षक परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद को लाइनहाजिर कर दिया गया है।