गन्ना किसानों लिए नाबार्ड ऋण की अदायगी पर संशोधित व्यवस्था लागू

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 May, 2019 01:11 PM

sugar cane farmers

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को नाबार्ड ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिये जाने की संशोधित व्यवस्था लागू की गई हैं । आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार निबन्धक, सहकारी गन्ना विकास समितियां/चीनी मिल समि...

लखनऊः उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को नाबार्ड ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिये जाने की संशोधित व्यवस्था लागू की गई हैं । आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार निबन्धक, सहकारी गन्ना विकास समितियां/चीनी मिल समितियों द्वारा सहकारी गन्ना विकास समितियों में गन्ना कृषकों द्वारा नाबाडर् ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिये जाने की संषोधित व्यवस्था लागू करने के लिए समितियों को निर्देश दिया है,जिससे प्रत्येक काश्तकार को ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट का लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से पूर्व केवल 3.7 प्रतिषत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को मिल पा रहा था शेष 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को इसलिए नहीं मिल पा रहा था क्योंकि समितियों द्वारा वर्ष में केवल एक बार ही ऋण वसूली की डिमाण्ड लगाने के आदेश थे तथा ऐसा ही उनकी उपविधियों में वर्णित था। गन्ना किसानों की समस्या के संज्ञान में आते ही गन्ना आयुक्त/निबन्धक सहकारी समितियां ने साहसिक निर्णय लेते हुए सभी सहकारी गन्ना समितियों को निर्देषित किया कि वह गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाये जिससे ऐसे किसान भाई जो लिए गये कृषि ऋण को समयार्न्तगत वापसी करना चाहते हैं उन्हें नाबार्ड ऋण की आदायगी पर मिलने वाली ब्याज छूट का पूर्ण लाभ मिल सके।

प्रवक्ता के अनुसार वर्ष 1994 से नाबाडर् योजना के तहत गन्ना किसानों को कृषि निवेश यथा- उर्वरक, बीज, दवाओं के लिए कृषि ऋण की व्यवस्था गन्ना समितियों के माध्यम से प्रारम्भ की गयी। इस योजना के तहत ऐसे किसान जो गन्ना समिति के सदस्य हैं उनकी ऋण सीमा सम्बन्धित जिला सहकारी बैंक से स्वीकृत कराकर उनकी ऋण सीमा के अन्तर्गत उर्वरक, कीटनाषक, बीज आदि का क्रय करने के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 से राज्य सरकार एवं भारत सरकार के सहयोग से कृषक हित में यह प्रावधान भी इस योजना में शुरू किया गया कि यदि कोई कृषक लिये गये ऋण की वापसी निर्धारित समय सीमा में कर देता है तो उसे ब्याज में और अतिरक्ति 4 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी।
 

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