Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Oct, 2018 05:10 PM
उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हिंसक घटनाओं के खिलाफ करीब एक सप्ताह हड़ताल पर रहने के बाद सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के अपने काम पर लौटने से यहां की चिकित्सा सेवाएं सामान्य हो गईं हैं।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हिंसक घटनाओं के खिलाफ करीब एक सप्ताह हड़ताल पर रहने के बाद सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के अपने काम पर लौटने से यहां की चिकित्सा सेवाएं सामान्य हो गईं हैं। बीएचयू के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि रविवार देर रात तक विश्वविद्यालय प्रशासन एवं अंदोलनकारियों डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के बीच घंटों चली बातचीत के बाद हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की गई। इसके बाद यहां के सर सुंदर लाल अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से सामान्य हो गईं।
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा संबंधी तमाम मांगें मानते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनका सुरक्षा घेरा पहले से बढ़ा दिया है। विशेष सतर्कता बरती रही है तथा जल्दी ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे डॉक्टरों को अपने कार्य करने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। जूनियर डॉक्टर मुख्य रूप से अस्तपाल में अपने कार्य स्थल एवं छात्रावास में समुचित सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। इस वजह से यहां आने वाले हजारों को बिना इलाज कराए लौटना पड़ा जबकि यहां पहले से भर्ती मरीजों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि उनके साथ बार-बार मारपीट की घटनाएं होती हैं, लेकिन उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन असामाजिक तत्वों के सामने असहाय बना हुआ है। प्रशासन द्वारा बार-बार हो रही मारपीट एवं हिंसक घटनाओं की अनदेखी की जा रही है। इस वजह से असामाजिक तत्वों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कई बार अस्पताल एवं छात्रावासों में घुसकर जूनियर डॉक्टरों से मारपीट एवं तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।