Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 25 Jul, 2021 12:19 PM
21 वीं सदी यानि की आजकी औलाद जो कि स्वार्थ के सामने अपने रिश्तों का भी सौदा करने को तैयार रहती है और बात जब बुढ़ापे पर आकर ठहर जाए तो कहीं कुछ...
लखनऊः 21 वीं सदी यानि की आजकी औलाद जो कि स्वार्थ के सामने अपने रिश्तों का भी सौदा करने को तैयार रहती है और बात जब बुढ़ापे पर आकर ठहर जाए तो कहीं कुछ नहीं बचता। बुजुर्ग मां-बाप को या तो वृद्धाश्रम की राह दिखा दी जाती है या फिर उन्हें किसी कूड़े की तरह घर से बाहर फेंक दिया जाता है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। जहां पति की मौत के बाद उसके बुजुर्ग माता-पिता को 4 मंजिला मकान से बहू ने निकाल दिया और उनकी जगह अपने रिश्तेदारों और किराएदारों को रख लिया।
बता दें कि बेघर होने के बाद 25 अक्तूबर 2019 को बुजुर्ग वादी यानी सास कविता शुक्ला, व ससुर रामकृपाल शुक्ला ने एसडीएम कोर्ट में याचिका दायर की माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत सुनवाई के बाद एसडीएम ने बहू और किराएदार को 15 दिन की मोहलत दी है। इस अवधि में बहू और किराएदार को गोमती नगर स्थित मकान खाली करना होगा। हालांकि सास-ससुर की दरियादिली है जिसके तहत उनका कहना है कि बहू चाहे तो उनके साथ रह सकती है।
एसडीएम कोर्ट के आदेश के अनुसार विशालखंड 3-347 गोमती नगर निवासी वृद्धजनों ने अपना मकान और गाड़ी बहू से वापस दिलाने की याचना की।इसके बाद 30 जनवरी को डिप्टी कलेक्टर, प्रभारी नायब तहसीलदार ने स्थानीय निरीक्षण के बाद रिपोर्ट दी। जिसमें बताया गया कि मकान में सास और ससुर नहीं हैं। भूतल पर किराएदार गया है।