Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Sep, 2020 04:38 PM
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो अनिल डी सहस्रबुद्धे ने भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता जताई है।
कुशीनगर: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो अनिल डी सहस्रबुद्धे ने भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता जताई है।
भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर पत्नी के साथ आये डॉ. सहस्रबुद्धे ने यहां के ऐतिहासिक एवं प्राचीन महत्व की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुगलों व अंग्रेजों का इतिहास लंबे समय से पढ़ाया जा रहा है, बेहतर होता कि अब पाठ्यक्रम में भगवान बुद्ध से जुड़ी जातक कथाओं व कहानियों को शामिल किया जाता। इसके लिए सार्थक पहल की जरूरत है, ताकि नई पीढ़ी अपने देश के महात्माओं को समझ सके।
एआईसीटीई के चेयरमैन का स्वागत पर्यटक सूचना केंद्र के अधिकारी राजेश कुमार भारती ने किया जगकि यामा कैफे के संचालक टीके राय ने गाइड की भूमिका निभाई और महापरिनिर्वाण मंदिर में भगवान बुद्ध की लेटी प्रतिमा की विशेषता बताई। सहस्रबुद्धे ने पूजा-अर्चना कर चीवर चढ़ाया। मंदिर में उत्खनित पुरावशेषों, प्रतिमा, स्तूप समेत अन्य प्राचीनता व ऐतिहासिकता की जानकारी ली।
उन्होंने महापरिनिर्वाण मंदिर के बाद मांथा कुंवर मंदिर, रामाभार स्तूप का भ्रमण किया। थाई मंदिर बंद होने से बाहर से ही लौट गए। चैयरमैन ने जाड़े में यहां 10 दिन के विपश्यना कोर्स में आने की बात कही। पत्रकारों से बातचीत में एआईसीटीई के चेयरमैन ने कहा कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण भूमि होने के नाते कुशीनगर में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए।