STF ने किया दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले शिक्षक पिता-पुत्र को गिरफ्तार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 10 Nov, 2019 05:29 PM

stf arrested teacher father and son who work in other s name

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले पिता-पुत्र शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर...

लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले पिता-पुत्र शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर जिले के गोपालपुर निवासी गिरजेश त्रिपाठी उफर् जयकृष्ण दूबे 1997 से जबकि उनका बेटा आदिशक्ति त्रिपाठी उर्फ रविकाशंकर त्रिपाठी वर्ष 2010 से बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर फर्जी दस्तावेजों कर अपनी फोटो लगाकर नियुक्ति प्राप्त कर नौकरी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस सूचना पर आरोपियों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया गया था। इसी क्रम में सूचना मिली कि बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लाक इलाके में जयकृष्ण दूबे नामक व्यक्ति वर्ष 1997 से सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है तथा उसका पुत्र वर्ष 2010 सेे रविशंकर त्रिपाठी के नाम से सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे है जबकि इनका असली नाम क्रमष: गिरजेश कुमार त्रिपाठी व आदिशक्ति त्रिपाठी है जो गोपालपुर जिले के झंगहा, इलाके के रहने वाले है।

मिश्र ने बताया कि इस सूचना पर बाराबंकी के बीएसए कार्यालय के पास से एसटीएफ टीम आरोपी फर्जी दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर बीएसए कार्यालय,बाराबंकी ले जाया गया जहां वी पी सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षाअधिकारियों के समक्ष गहनता से पूछताछ व इनके दस्तावेजों की जांच की गयी तो गिरजेश त्रिपाठी ने गलती स्वीकार करते हुए बताया कि 1997 में गोरखपुर खजनी निवासी एक व्यक्ति के माध्यम से फर्जी तरीके से जयकृष्ण दूबे नाम से सभी शिक्षण दस्तावेज की फर्जी मूल जैसी प्रति बनवा लिया था, जिसके एवज में दो लाख दिया था। इन्ही प्रमाण पत्रों पर अपनी फोटो लगाकर बलरामपुर में वर्ष 1997 में आवेदन कर नौकरी प्राप्त की थी।

उन्होंने तब से लगातार नौकरी कर रहा था। इसी प्रकार उसने अपने बेटे आदिशक्ति त्रिपाठी को रविशंकर त्रिपाठी नाम से फर्जी प्रमाण पत्र शैक्षणिक दस्तावेज तैयार कर अपने पुत्र की फोटो लगाकर आवेदन कर 2010 में बाराबंकी में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति करा लिया था। इसके एवज में भी चार लाख उसी व्यक्ति को दिया था। गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध कोतवाली बाराबंकी में भारतीय दण्ड विधान की धारा 1000/2019 धारा 409/419/420/467/468/471 का अभियोग पंजीकृत कराकर अग्रिम विधिक कारर्वाई की जा रही है। 












 

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