Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Aug, 2018 11:32 AM
उत्तर प्रदेश के मेरठ में 2 मासूमों का भविष्य अब जातिवाद पर आकर अटक गया है। दरअसल, एक दलित परिवार ने आरो...
मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में 2 मासूमों का भविष्य अब जातिवाद पर आकर अटक गया है। दरअसल, एक दलित परिवार ने आरोप लगाया है कि प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानध्यापक ने दलितों के बच्चों को एडमिशन देने से मना कर दिया और साथ ही मासूमों को स्कूल से भगा दिया।
मामला फलावदा कस्बे के मोहल्ला जगजीवन राम कॉलोनी का है। यहां की रहने वाली पीड़ित महिला ने बताया कि मोहल्ला पंच पट्टी स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में अपने दोनों बच्चों का एडमिशन कराने के लिए गए थे। स्कूल के प्रधानाध्यापक रहीसुद्दीन के पास पहुंच कर अपने दोनों बच्चों का एडमिशन करने के लिए कहा तो उसने कहा कि इस स्कूल में दलित बच्चों का एडमिशन नहीं हो सकता।
जिसके बाद निराश पीड़ित महिला ने अपने घर आकर परिवार को बताया कि स्कूल का मास्टर उसके दोनों बच्चों का एडमिशन करने से इसलिए मना कर दिया कि वह दलित है। यह बात सुनकर समाज के लोग व परिजनों में काफी आक्रोश दिखाई दिया।
मेरठ मंडल की कमिश्नर का कहना है कि इस मामले में जांच की जाएगी। यदि किसी बच्चे का एडमिशन नहीं होता तो उसका एडमिशन भी कराया जाएगा और जो भी दोषी है। उस पर कार्रवाई की जाएगी सभी को शिक्षा का समान अधिकार हमारा संविधान देता है।