Edited By Deepika Rajput,Updated: 24 Oct, 2018 03:55 PM
केंद्र की मोदी सरकार ने गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है ताकि किसी भी गरीब की इलाज के अभाव में मौत न हो, लेकिन सरकारी स्टाफ मोदी सरकार की इस निशुल्क योजना पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। एेसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है।
लखनऊः केंद्र की मोदी सरकार ने गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है ताकि किसी भी गरीब की इलाज के अभाव में मौत न हो, लेकिन सरकारी स्टाफ मोदी सरकार की इस निशुल्क योजना पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। एेसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है। यहां आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी होने के बावजूद भी सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने इलाज करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि जाओ पहले मोदी से पैसा लेकर आओ।
जानिए, क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, मामला शाहजहांपुर के तिलहर का है। यहां के निवासी कमलेश बिजली विभाग में संविदाकर्मी है। 3 दिन पहले काम करते समय वह करंट की चपेट में आ गए। जिसके बाद परिजन उनको अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उन्हें किंग जॉर्ज्स मेडिकल युनिवर्सिटी (केजीएमयू) रेफर कर दिया गया। सोमवार को परिजन उन्हें केजीएमयू लेकर आए। डॉक्टरों ने उनको देखने के बाद डिस्चार्ज वार्ड भेज दिया।
'जाओ पहले मोदी से पैसा लेकर आओ'
कमलेश के चाचा ने आयुष्मान योजना का कार्ड दिखाकर मुफ्त इलाज की मांग की, जिस पर डॉक्टर भड़क उठे। उन्होंने बताया कि स्टाफ ने कहा कि यहां मुफ्त इलाज नहीं होता। जाओ पहले मोदी से पैसा लेकर आओ, फिर इलाज करेंगे। इसकी जानकारी तिलहर विधायक रोशन लाल को दी गई, जिसके बाद उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया। विधायक के कहने पर मरीज को भर्ती किया गया।
सदन में उठाएंगे मामलाः विधायक
पीड़ित पक्ष ने कहा कि इलाज शुरू होने के बाद भी उन्हें बाहर से दवाइयां खरीदकर लानी पड़ रही है। उनकी बात सुनने के बाद विधायक नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि वह इस मामले को सदन में उठाएंगे।