Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Aug, 2020 07:49 PM
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संविदा पर रखे गये खेल प्रशिक्षकों ने वेतन बकाये के भुगतान और रिव्यूनल की मांग को लेकर बुधवार को खेल निदेशालय के बाहर पकौड़े का खोमचा लगा कर प्रदर्शन किया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संविदा पर रखे गये खेल प्रशिक्षकों ने वेतन बकाये के भुगतान और रिव्यूनल की मांग को लेकर बुधवार को खेल निदेशालय के बाहर पकौड़े का खोमचा लगा कर प्रदर्शन किया। खेल प्रशिक्षकों का आरोप है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले पांच महीनों से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है जिससे उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। खेल निदेशालय के अधिकारी वेतन भुगतान की मांग करने पर टाल मटोल करते है।
खेल प्रशिक्षकों का दर्द है कि वेतन रोकने के साथ ही सरकार उनके रिन्यूअल पर भी आनाकानी कर रही है जिससे उनके भविष्य पर आशंका के बादल मंडराने लगे है। उन्होंने कहा कि करीबी नाते रिश्तेदारों और मित्रों से पैसे उधार लेकर वह किसी तरह जीवन यापन कर रहे है लेकिन मार्च में लाकडाउन की घोषणा के बाद से खेल निदेशालय से उनका वेतन रोक दिया है जिससे उनकी उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। ऐसा ही कुछ दिन और बना रहा तो उनके सामने सड़क किनारे चाट पकौड़ों की दुकान लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के बावजूद अगर सरकार उनकी नहीं सुनती है तो उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। खेल निदेशालय के बाहर एकत्र प्रशिक्षकों के अनूठे प्रदर्शन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उनको प्रदर्शन करने से रोका जिस पर उनकी कुछ देर तक नोकझोंक भी हुयी। प्रदर्शनकारी ‘कोच साहब की पकौड़ो की दुकान' कोच साहब समोसे वाले' जैसे बैनर लगाकर एक टोकरी में खाद्य सामग्री लेकर बैठे थे।