Edited By Ruby,Updated: 07 Aug, 2018 11:25 AM
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मंगलवार को महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीडऩ के विरोध में देवरिया में धरना प्रदर्शन करेंगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि देवरिया में महिला एवं बालिका संरक्षण गृह में चल रहे महिला उत्पीडऩ की घटना से जनता...
लखनऊः समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मंगलवार को महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीडऩ के विरोध में देवरिया में धरना प्रदर्शन करेंगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि देवरिया में महिला एवं बालिका संरक्षण गृह में चल रहे महिला उत्पीडऩ की घटना से जनता में आक्रोश है। सपा इस घटना की उच्चस्तरीय जांच एवं संबन्धित दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करती है। पार्टी कार्यकर्ता मंगलवार को देवरिया में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी नेतृत्व में धरना प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि देवरिया में महिला संरक्षण गृह में यौनाचार की घटना बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है। इसके आपराधिक दोष से भाजपा सरकार बच नहीं सकती है। छोटी-छोटी कार्रवाई और जांच के नाटक से इतने बड़े अपराध पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। इस पर राजभवन की चुप्पी हैरत में डालती है। राज्यपाल लगातार अपराध स्थिति में सुधार की बात करते रहे हैं लेकिन राज्य सरकार उनको हल्के में ले रही है। देवरिया की घटना बिहार के मुजफ्फरपुर से भयानक है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के 16 महीनों में यदि कोई सर्वाधिक पीड़ित शोषित और अपमानित हुआ है तो वह प्रदेश की महिलाएं तथा बच्चियां है। उनकी इज्जत और सम्मान राज्य में सुरक्षित नहीं। बलात्कार, लूट, हत्या और अपहरण की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही है।‘‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं‘’का दावा खोखला साबित हो चुका है। जहां बच्चियां लाजवश आत्महत्या कर रही हों और स्कूल कॉलेज पढ़ऩे नहीं जा पा रही हों वहां सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा न दे पाना अक्षोभ्य अपराध है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में देवरिया जैसे जघन्य काण्ड के बाद भी मुख्यमंत्री का प्रदेश में कानून का राज बताना सच से परे है। घटना की जांच कराने की घोषणा सिर्फ दिखावे की नौटंकी है। कितने शर्म की बात है कि जिले का जिलाधिकारी नारी संरक्षण गृह में जाकर जांच करने में अपने को असहाय पाता है। इससे लगता है कि शासन सत्ता से उन पर दबाव रहा होगा। सूरज डूबते ही लड़कियों को बड़ी गाड़ियों में बिठाकर सफेद अय्याशों के साथ भेज दिया जाता था। उन्हें मुंह खोलने पर मार देने की धमकी दी जाती थी। लड़कियां अभी भी लापता हैं।