Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Dec, 2019 10:16 AM
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी अन्य के साथ गठबंधन नही करेंगी।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी अन्य के साथ गठबंधन नही करेंगी। अखिलेश यादव ने गुरूवार को यहां कहा कि वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी किसी से गठबंधन नही करेंगी। भविष्य में जनता से गठबंधन रहेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। जिसके साथ अन्याय होगा, सपा उसके साथ खड़ी होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा के कारण नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में लोगों की जानें गई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बदला लो और ठोको नीति के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गाड़ियां तोड़ी है और घरों में लूटपाट की है। जिनकी मौतें हुई है उनके परिजनों को पोस्टमाटर्म रिपोर्ट नहीं दी जा रही हैं। एफआईआर नहीं लिखी जा रही है। मृतकों के परिवारीजनों से विपक्षी नेताओं को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय, मौजूद सपा तथा निषाद संघ के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हिन्दू-मुस्लिम एकता से डरी हुई है। सीएए, एनआरसी, एनपीआर के प्राविधान संविधान के विरूद्ध है। ये कानून आम जनता को परेशान करने और मुस्लिमों को डराने के लिए लाए जा रहे है। इसके पीछे बदनीयती और धोखा है। मानवाधिकार हनन में सबसे ज्यादा नोटिसें उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है। सपा अध्यक्ष ने पुलिस की गोली से मृत लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग करते हुये कहा कि लोगों की सम्पत्ति को जो नुकसान पुलिस ने पहुंचाया है उसकी भी भरपाई सरकार करे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में सपा की सरकार बनने पर 2007 में गोरखपुर के दंगे के नुकसान की भी भरपाई कराई जायेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अत्याचार बढ़ा है। लोगों की जानें जाने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक कैसे लगा सकती है। भाजपा सरकार लोगों को डरा रही है। धमकियां दे रही है। मनमानी करना भाजपा का तरीका है। नफरत और अन्याय बढ़ाना तथा भारत की एकता के विरूद्ध काम करना आरएसएस का एजेण्डा है।