Edited By Ruby,Updated: 13 Jun, 2018 12:54 PM
कहते हैं कि रस्सी जल गई पर बल नहीं गया। ये कहावत सच कर दिखाई समाजवादी पार्टी के विवादित नेता अतुल प्रधान ने। सत्ता के जाने के बाद भी नेता के तेवर नहीं बदले। दरअसल नेता अतुल ने एमडीए सचिव की जमकर क्लास ली और ये तक कह दिया कि कभी उन्हें एमडीए तक आने...
मेरठः कहते हैं कि रस्सी जल गई पर बल नहीं गया। ये कहावत सच कर दिखाई समाजवादी पार्टी के विवादित नेता अतुल प्रधान ने। सत्ता के जाने के बाद भी नेता के तेवर नहीं बदले। दरअसल नेता अतुल ने एमडीए सचिव की जमकर क्लास ली और ये तक कह दिया कि कभी उन्हें एमडीए तक आने की जरूरत नहीं पड़ी।
दरअसल, मेरठ के लोहिया नगर में 1997-98 में 2500 लोगों को क्वार्टर आवंटित किए थे और जिसकी किश्त भी निर्धारित की गई थी। उसके बाद काफी लोगों ने अपने मकान बेच दिए। जिसके बाद अब एमडीए ने द्वितीय मकान स्वामियों को ये नोटिस भिजवाना शुरू कर दिया है कि ये लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं इसलिए इसको कब्जा मुक्त करो।
अब लोगों का कहना है कि ये लोग काफी समय से रह रहे हैं और ऐसे में कैसे मकान खाली करें और अगर मकान का बकाया भुगतान एमडीए को दें तो कैसे, क्योंकि एमडीए ने इस राशि को एक लाख आठ हजार से बढ़कर 11 लाख कर दी है। इन लोगों की बात को लेकर आज सपा नेता अतुल प्रधान एमडीए के पास पहुंचे और पहले तो धरना दिया और फिर उसके बाद सचिव के ऑफिस में पहुंचकर उनका घेराव करते हुए रौब भी दिखाया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि लोहिया नगर आवास योजना बेहद गरीब लोगों के लिए बनाई गई है, लेकिन वहां पर आवंटियों ने मकान बेच डाले। मकान खरीदने वाले लोगों पर अब प्राधिकरण चाबूक चला रहा है। पैसे लेने के बावजूद भी मकानों की रजिस्ट्रियां नहीं की जा रही है। लोगों ने प्राधिकरण के कर्मचारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगा डाले।